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Exclusive : चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी की मिलीभगत से बढ़ापुर नगर पंचायत में करोड़ों का गबन, एसडीएम और डीम ने जांच का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ा
बिजनौर। बिजनौर ज़िले की नगर पालिकाएं और नगर पंचायतें भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई हैं. चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी प्रशासन के साथ सांठ गांठ करके शहरों के विकास के लिए शासन से आने वाली करोड़ों की रकम को दोनों हाथों से लूटनें मे जुटे हैं. ताज़ा मामला बढ़ापुर और झालू नगर पंचायतों का है. बढ़ापुर नगर पंचायत में करोड़ों रुपए की बंदरबांट के लिए ऐसे-ऐसे तरीके अपनाए गए हैं कि बड़े-बड़े घोटाले बाज़ भी शर्मा जाएं.
करीब 30 हजार आबादी वाले बढ़ापुर नगर पंचायत के पूर्व शराफत हुसैन ने मौजूदा चैयरमैन आबिद अंसारी पर अधिशासी अधिकारी इंद्रपाल के साथ मिलकर करोड़ों रुपए की हेराफेरी के आरोप लाए हैं.
शराफत हुसैन ने स्पेशल कवरेज न्यूज़ को बताया कि उन्होंने नगर पंचायत में चल रही करोड़ों की हेराफेरी से जुड़े तमाम दस्तावेज़ों के साथ जिलाधिकारी अटल कुमार राय से कई लिखित शिकायत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला तो उन्होंने शहरी विकाम मंत्री सुरेश खन्ना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी शिकायत भेजी. लेकिन इस मामले सिवाय अधिशासी अधिकारी इंद्रपाल को सस्पेंड करने कोई और कार्रवाई नहीं हुई.
स्पेशल कवरेज न्यूज़ ने इस संबंध में ज़िलाधिकारी अटल कुमार राय से ट्प्पणी मांगी तो उन्होंने यह कह कार पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि इस पूरे मामले की जानकारी शासन को भेज दी गई है. शासन तो भेजी गई रिपोर्ट मांगने पर उन्होंने उपज़िलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह से मिलकर जानाकारी हासिल करने को कहा. उपज़िलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह पहले तो इस मामले पर बात करने से बचते रहे. ज्यादा जोर देने पर उन्होंने यह कर पल्ला झाड़ लिया कि इस मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी है इस लिए वो इस पर कुछ नहीं बोल सकते. बड़ी मुश्किल से वो रिपोर्ट की प्रति देने को तैयार हुए.
स्पेशल कवरेज न्यूज़ को उपज़िलाधिकारी शेलेंद्र कुमार सिंह की तरफ से उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट से चौंकाने वाली बात यह सामने आई है शासन को भेजी गई रिपोर्ट में दूसरी नगर पंचायत झालू के चैयरमैन शहजाद अहमद और ईओ इंद्रपाल का तो ज़िक्र है लेकिन बढ़ापुर का कोई ज़िकेर नहीं है. बढ़ापुर चैयरमैन आबिद अंसारी का शासन को भेजी गयी रिपोर्ट में कही नाम तक नहीं हैl इस रिपोर्ट में डीएम बिजनौर ने नगर पंचायत झालू के चैयरमैन एवं ईओ को दोषी मानते हुए बार बार जिक्र किया है. जबकि बढ़ापुर नगर पंचायत के घोटालों का सारा ठीकरा सिर्फ ईओ इंद्रपाल के सर फोड़ दिया गया है. ऐसा क्यों किया गया ये भी बड़ा सवाल है.
बढ़ापुर में पिछले साल पहली दिसंबर से आबिद अंसारी के बतौर चेयरमैन पद भार संभालने के बाद से अब तक करोड़ों रुपये गलत तरीके से निकाले गए है. रुपयों की निकासी अधिशासी अधिकारी की मिलीभगत से हुईआ है. मामले का पता तब चला जब छेत्रीय बैंक पीएनबी बढ़ापुर की शाखा से बियरर चेक मैनेजर की मिलीभगत से कैश करा लिए. इसके पहले भी आबिद अंसारी ने गलत तरीके से काफी पैसे निकाल लिए थे. इन सबकी जानकारी पूर्व चेयरमैन ने डीएम बिजनौर को उपलब्ध कराई है. साथ ही शहरी विकासमंत्री सुरेश खन्ना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गई शिकायत में भी सारी जानकारी मय दस्तावेज उपलब्ध कराई गई है.
ग़ौरतलब है कि बढ़ापुर नगर पंचायत छेत्र में अंत्येष्टि स्थलों के निर्माण के लिए शासन से 3 करोड़ 77 लाख रुपए का बजट भेजा गया था. यह रकम 14 वें वित्त आयोग की संतुति के अंतर्गत प्राप्त हुआ थी. आरोप है कि चेयरमैन और ईओ ने प्रशासन की मिलीभग से इस पूरी रक़म का बंदरबांट कर लिया. बगैर ठेके हुए ही ठेकोदारों के नाम भुगतान दिखा कर पैसा निकाल लिया है. कुछ पैसा तो बियरर चेक के ज़रिए निकाल लिया गया. जबकि नगर पंचायतो के खातों से बियरर चेक के ज़रिए पैसा नहीं निकाला जा सकता. डीएम को भेजी गई रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ चेक की जानकारी निम्नलिखित हैः
1. चेक संख्या- 403444 दिनांक 13-08-18 को 7 लाख रुपये नाम राजपाल सिंह को दिये.
2. चेक संख्या- 403445 दिनांक 14-08-18 को 5 लाख रुपये दैनिक अख़बार विधान केसरी को दिया गया
3. चेक संख्या- 403446 दिनांक 13-08-18 को 5 लाख रुपये दैनिक अख़बार आज को
4. चेक संख्या - 403447 दिनांक 13-08-18 को 5 लाख रुपये खुर्शीद अहमद (बियरर) को दिया
5. चेक संख्या- 403448 दिनांक 28-08-18 खुर्शीद अहमद 5 लाख रुपए (बियरर) को दिया गया
6. चेक संख्या- 403450 दिनांक 30-08-18 को 50 लाख रुपए अनीस अहमद को दिया गया.
पूर्व चेयरमैन शराफत हुसैन का आरोप है कि चेयरमैन आबिद अंसारी और ईओ इंद्रपाल की मिलीभगत से ये सारे भुगतान कार्यो की तकनीकी और स्थलीय सत्यापन कराये बिना किए गए हैं. उस पर भी स्वीकृति धनराशि का उपयोग अंत्येष्टि स्थल पर कराये गए कार्यो में न करके अन्य जगहों के कार्यो पर किया गया है. इन सभी भुगतान में कई तरह की गड़बड़ियां और घोटाले हुए हैं. कई मामलों में ई-टेंडर तीन-चार बार निरस्त गए. ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया गया नालों की सफाई के नाम पर 7 लाख निकाला गया लेकिन नालों की हालत जस की तस है. शमसान घाट के लिए आये अनुदान का 20 लाख रूपया अनाधिकृत तरीकों फर्जी मदों में निकाल कर उड़ा दिया गया.
हैरानी की बात ये है की इतनी बड़ी रकम का गलत तरीके से निकासी होती रही और प्रशासन शासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. नगर पंचायत शहर में बड़े पैमाने पर विकास के काम कराए जाना का दावा करती है लेकिन जनता का कहना है यह पंचायत की तरफ से कराया गया विकास कहीं नहीं दिखता. जिन शमशान घटों के विकास के लिए करोड़ों रुपए उनकी स्थिति है आज भी दयनीय है. लोगों का कहना है कि लाशो का दाहसंस्कार बड़ी मुश्किल से हो पाता है. इस मामले पर जब स्पेशल कवरेज न्यूज़ ने चेयमैन आबिद से बात करनी चाही. कई बार मिलने का प्रयास किया लेकिन हर बार उन्होंने मिलने से ही मना कर दिया और कैमरे के सामने आने से साफ इंकार कर दिया.
इन तमाम घोटालों की पोल खोलकर प्रशासन और शासन को जांच के लिए मजबूर करने वाले पूर्व चेयरमैन शराफत हुसैन का कहना है कि चुनाव के वक्त आबिद अंसारी ने शहर को खूबसूरत बनाने और जनता की तमाम समस्याओं का समाधान करने के वादे दिए थे लेकिन अब इन वादों के खिलाफ जाकर विकास कार्य करने के बजाय सरकारी खज़ाने को दोनों हाथों से लूटने में जुटे हैं. फिलहाल प्रशासन की तरफ से इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है. अब देखना यह है शहरी विकासमंत्री सुरेश खन्ना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गई शिकायतों पर शासन स्तर से क्या कार्रवाई होती है.