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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट जर्रार हुसैन हुए रिटायर उनका नाम सुनते ही अपराधियों की पतलून हो जाती है गीली
बिजनौर। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दरोगा जर्रार हुसैन 1जब तक ड्यूटी पर रहे अपराधी थरथर कांपते रहे। उनके कार्यकाल में कई अपराधियों ने तो इलाका ही बदल लिया था। जान जाने के डर से कई छोटे-मोटे अपराधियों ने भला इंसान बनना ही मुनासिब समझा।
माना जाता है कि जर्रार हुसैन ने अपने 40 साल के सर्विस काल 58 एनकाउंटर किए हैं इनमे अधिकतर नामी बदमाशों के एनकाउंटर किए, जिसमें से बदमाश राहुल खट्टा बागपत, शकील कालिया मेरठ, एहसान सलीम शामली हैं। इन्होंने बिजनौर के इलाके में भी अपराध को खत्म करने में अहम रोल निभाया।
अपने सर्विस काल में अपराधियों की धर-पकड़ के दौरान बदमाशों से आमने-सामने की मुठभेड़ मैं निडरता से बदमाशों का सामना किया है। सामान्य जीवन में देखा जाए तो आमतौर पर उनके चेहरे पर मुस्कान हमेशा बनी रहती है। लेकिन वे जैसे ही किसी अपराध या अपराधी का नाम सुनते सीरियस हो जाते हैं। उनका कहना है कि अपराधी समाज को गंदा करते हैं। एक सभ्य समाज में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।जर्रार हुसैन
बुलंदशहर मेरठ नोएडा मुजफ्फरनगर सहारनपुर में भी तैनात रहे हैं। अब रिटायरमेंट के अंतिम दौर पर बिजनौर में तैनात थे। बिजनौर में रहते हुए कई बड़े खुलासे कई अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे डालने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।