बिजनौर

यूपी के बिजनौर में सरकारी अस्पताल में गंदगी के अंबार

Shiv Kumar Mishra
23 Feb 2020 4:52 AM GMT
यूपी के बिजनौर में सरकारी अस्पताल में गंदगी के अंबार
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अस्पताल की हालत पर गौर किया जाए तो करोड़ो की लागत से इस अस्पताल का निर्माण किया गया है, इतना ही नही अस्पताल के खिड़की दरवाजे टूटे हुवे है पीछे की बिल्डिंग की अगर बात की जाए तो वहां पर दिन में भी जाना बहुत मुश्किल है वहां पर बड़ी बड़ी घास व काटे दार झाड़िया खड़ी हुवी है ।

फैसल खान बिजनौर

बिजनौर के चाँदपुर क्षेत्र में 15 साल पहले बना सरकारी अस्पताल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। बताते है कि सरकार ने करोड़ो रूपये खर्च कर सरकारी अस्पताल तो बना दिया है परंतु उसकी देख रेख करने वाला कोई नही है। और ना ही कोई चिकित्सक अस्पताल में आता है ग्रामीणों का कहना है कि एक वार्ड ब्वाय की तैनाती अस्पताल में की गई है जो अपनी मर्जी से अस्पताल में हफ्ते में एक या दो दिन आता है, आपको बता दे कि सरकारी अस्पताल के अंदर गंदगी के अंबार लगे हुवे है, अब इस अस्पताल में मरीजों की जगह ग्रामीण अपने गांव का सारा कबाड़ अस्पताल में डालते हैं और वही गांव के लोग गोबर के उपले अस्पताल में बनाते हैं।

जहां एक और योगी सरकार उत्तर प्रदेश में अस्पतालों में करोड़ों रुपया खर्च कर रही है वही बिजनौर के चांदपुर क्षेत्र के गाव सिकंदर नगला जो ग्राम पंचायत म्हबुल्लापुर ढाकी में आता है में ऐसे अस्पताल को देखकर लगता है के स्वास्थ्य विभाग कुंभकरण की नींद सो रहा है। अस्पताल की हालत पर गौर किया जाए तो करोड़ो की लागत से इस अस्पताल का निर्माण किया गया है, इतना ही नही अस्पताल के खिड़की दरवाजे टूटे हुवे है पीछे की बिल्डिंग की अगर बात की जाए तो वहां पर दिन में भी जाना बहुत मुश्किल है वहां पर बड़ी बड़ी घास व काटे दार झाड़िया खड़ी हुवी है ।

अगर हम बात करें गांव के प्रधान की तो उनका यही कहना है की हमने प्रशासन के आला अधिकारियों से अस्पताल के बारे में कई बार शिकायत भी की है लेकिन अभी तक कोई भी आला अधिकारी हमारे अस्पताल को देखने के लिए नहीं आया अगर गांव के अंदर कोई बड़ा हादसा होता है तो गांव के लोग 15 किलोमीटर दूर चाँदपुर अस्पताल अपने मरीज को ले जाने को मजबूर है।ग्रामीण लगातार सरकार से अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती की मांग करते आ रहे है परंतु इस और कोई ध्यान नही दे रहा है

चांदपुर सीएचसी प्रभारी केपी सिंह से जब इस अस्पताल के बारे में जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि यह अस्पताल जब से बना है यहां पर किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं की गई है उन्होंने बताया 1 बोर्ड बाय की तैनाती इस अस्पताल में की गई।

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