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UP में ब्राह्मणों को साधने के लिए भाजपा ने बनाई 4 सदस्यों की कमिटी, इन नेताओं को किया शामिल

सुजीत गुप्ता
27 Dec 2021 1:14 PM GMT
UP में ब्राह्मणों को साधने के लिए  भाजपा ने बनाई 4 सदस्यों की कमिटी, इन नेताओं को किया शामिल
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शिव प्रताप शुक्ला 

यूपी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं को साधने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार के ब्राह्मण मंत्री अब समाज के बीच जाएंगे। ये मोदी सरकार की ओर से संस्कृत, संस्कृति, धर्म शास्त्रों और धार्मिक स्थलों के लिए किए गए कामों के साथ ब्राह्मण समाज को दिए प्रतिनिधित्व को बताएंगे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर हुई बैठक में ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने पर मंथन किया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में ब्राह्मण समुदाय के लिए आउटरीच कार्यक्रमों पर निर्णय लेने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। भाजपा को इस बात का अंदेशा है कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय उससे असंतुष्ट है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता वाली समिति में अन्य सदस्यों में महेश शर्मा, अभिजीत मिश्रा और राम भाई मोरकिया शामिल हैं।

'ब्राह्मणों में भ्रम फेला रही सपा-बसपा'

समिति के प्रमुख शिव प्रताप शुक्ला ने कहा, "समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) द्वारा ब्राह्मणों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि भाजपा उनके समुदाय की उपेक्षा कर रही है। हम भाजपा द्वारा किए गए कार्यों को जनता तक ले जाने का लक्ष्य रखेंगे। और उन्हें इस वास्तविकता से अवगत कराएंगे कि यह भाजपा है जिसने ब्राह्मणों के लिए काम किया है।"

'भाजपा में सबसे ज्यादा ब्राह्मण मंत्री'

समिति बनाने का निर्णय यूपी में ब्राह्मण समुदाय के नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्री और राज्य प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ चर्चा के बाद लिया गया। शिव प्रताप शुक्ला ने कहा, "समिति विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करेगी और लोगों को बताएगी कि भाजपा में ब्राह्मण मंत्रियों की संख्या विपक्ष की तुलना में अधिक है।"

उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी ने 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में से 312 सीटें हासिल कीं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने 47 सीटें, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 19 सीटें और कांग्रेस केवल 7 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। बाकी सीटों पर अन्य उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया था।


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