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बदायूं के खंड शिक्षा अधिकारी का तुगलकी फरमान, शिक्षा मित्र 1 2 3 को नहीं पढ़ाएंगे, तो सरकार को लिखिए इनका मानदेय बढ़ाएं
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग हमेशा मजाक का पात्र बनता रहा है और बनेगा क्योंकि यहाँ किसी भी आदेश देने वाले के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है। कार्यवाही सिर्फ अनुदेशक और शिक्षा मित्र के खिलाफ होती है क्योंकि ये शिक्षा विभाग का सबसे निरीह प्राणी है।
बदायूं जिले के सहसवान विकास खंड के खंड शिक्षा अधिकारी ने एक आदेश जारी किया जिसमें लिखा कि अब 1 2 3 की कक्षाओं को शिक्षा मित्र नहीं पढ़ाएंगे। क्योंकि इन बच्चों को निपुण भारत के लिए शिक्षा दी जानी है लिहाजा इन कक्षाओं को अब नियमित अध्यापक पढ़ाएंगे। जबकि पूरे प्रदेश में अनुदेशक और शिक्षा मित्रों की शिक्षा इन अध्यापकों से ज्यादा है। लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी अपने आदेश के माध्यम से सरकार तक संदेश देने का काम कर रहे है कि शिक्षा मित्र निपुण भारत के लिए फिट नहीं है।
इन्हीं आदेशों ने शिक्षा मित्रों का बंटाढार किया है। ये आदेश फ़ाइल में लाग जाते है और लखनऊ बैठे अधिकारी इन्ही आदेशों को पढ़कर आगे की तैयारी में जुट जाते है। इस तरह के आदेश गाहे बगाहे आपके सामने आते है लेकिन ज्यादातर इसी तरह के आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की फ़ाइलों में लगकर सरकार को भेजे जाने वाले प्रपत्रों में शामिल रहते है। चूंकि शिक्षा मित्रों के बारे में सरकार की धारणा है कि उस समय उस गाँव में जो सबसे ज्यादा शिक्षित था उसने नौकरी पा ली। इन बातों की विसंगतियों को दूर करने की जरूरत है।
अब चूंकि शिक्षा मित्रों से ये खंड शिक्षा अधिकारी अपने इलाके में तीन कक्षा तक केछात्र को नहीं पढ़ाएंगे।