बुलंदशहर

बीजेपी विधायक संजय शर्मा ने लिखा 83 अधिकारीयों को खुला ख़त, जिसे पढ़कर खड़े हो जायेंगे कान

Special Coverage News
20 Dec 2018 11:30 AM GMT
बीजेपी विधायक संजय शर्मा ने लिखा 83 अधिकारीयों को खुला ख़त, जिसे पढ़कर खड़े हो जायेंगे कान
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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को लेकर बुलंदशहर में हुई घटना पर बीते दिन एक चिठ्ठी कुछ पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारीयों ने लिखी. जिसमें सरकार को बर्खास्त करने तक की मांग की गई. जिस पर भारतीय जनता पार्टी के अनूपशहर विधानसभा के विधायक संजय शर्मा ने एक खुल खत लिखा है. उन्होंने घटना को लेकर जिन अधिकारीयों ने बात की है अगर उनसे पूंछा जाय कि आप बुलंदशहर तक गये थे या सोशल मीडिया पर फैली बातों को लेकर यह लिखा है.


संजय शर्मा ने कहा है कि में इस जिले की विधानसभा से विधायक हूँ और इस जिले की जनता का तन मन धन से हर संभव मदद के लिए तैयार रहता हूँ. में कहता हूँ आपने जो चिठ्टी लिखी है वास्तव में आपने एक सटीक कार्य किया है लेकिन अगर यह चिठ्ठी आप बुलंदशहर का दौरा करने के बाद लिखते तो ज्यादा बेहतर होता. लेकिन बिना आये जो आपने आरोप लगाये है वो निराधार ही नहीं तर्कहीन भी है. में समझता हूँ कि बेहद संवेदन शील होकर इस मामले पर सामने आये है इस बात की भी मुझे बेहद ख़ुशी है.


संजय शर्मा ने कहा कि लेकिन दुःख तो तब हुआ जब आपने एक समुदाय विशेष का जिक्र करते हुए एक ऐसे सीएम पर आरोप लगाया है जिसने उसी समुदाय का एक इतना भव्य और शांतिपूर्ण तरीके से इतना बड़ा एक आयोजन कराने की अनुमति देकर उसको सौहार्द पूर्ण तरीके से सम्पन्न भी कराया हो. आप अधिकारी गण उस समय कहाँ थे जब पिछली सरकारों में रामलीला आयोजन की परमीशन नहीं मिलती थी. दूसरी बात आपने आरएसएस पर भी एक बड़ा निराधार आरोप लगाया है. यह बात भी आपकी निरर्थक प्रतीत होती है.


संजय शर्मा ने कहा कि आपको अब बुलंदशहर की घटना चिंतित करती है जिसमें आपको दो मौतें दिख रही है. जिसमें एक सुमित और दूसरा कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई. लेकिन आपको उन 21 गौमाता की हत्या नहीं दिख रही है. जिसके लिए इस प्रदेश ही नहीं देश का किसान पानी फसलों का नुकसान उठाकर खुश रहता है. क्योंकि उसे तस्सली हो जाती है कि उसके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसकी गौमाता को नहीं मरने देंगें. उसकी हत्या नहीं होने देंगे. संजय शर्मा ने कई पेज में यह खत लिखा है

आप उनका खुला खत पूरा का पूरा पढिये



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