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सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव ने सीने में खाई 17 गोलियां, अब वीर सपूत के नाम से जाना जाएगा अंडमान का यह द्वीप समूह, परिजनों ने बांटी मिठाई
बुलन्दशहर : प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव के ऐतिहासिक सम्मान से नवाजे जाने के बाद कारगिल योद्धा योगेंद्र यादव के पैतृक गांव बुलन्दशहर के औरंगाबाद अहीर में जश्न का माहौल है।
लोग यहां ढोल नगाड़ों के साथ गीत गाकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से परमवीर चक्र विजेताओं को विभिन्न प्रकार के सम्मानों से नवाजा जा रहा है।
भारतीय सेना के वीर योद्धा योगेंद्र यादव को प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐतिहासिक सम्मान से नवाजते हुए अंडमान निकोबार के 21 उपमहाद्वीप में से एक द्वीप का नाम रिटायर्ड सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव के नाम पर कर दिया है।
कमल यादव - सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव के चचेरे भाई
योगेंद्र यादव के नाम पर उपमहाद्वीप का नाम करने के बाद सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव के पैतृक गांव में ग्रामीणों ने देश के प्रधानमंत्री का धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि यह उनके गांव, उनके परिवार, जनपद बुलंदशहर समेत पूरे देश के लिए गर्व की बात है। गौरतलब है कि कारगिल युद्ध में सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव ने दुश्मन की 17 गोली अपनी छाती पर झेलने के बाद भी दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। हज़ारों फिट ऊंची पहाड़ियों पर माईनस टेंपरेचर में 17 गोलियां लगने के बाद भी उनके क़दम नहीं लडखडाये और उन्होंने वहां अपना तिरंगा फहराया। फिलहाल इस सम्मान के बाद उनके गांव में जश्न का माहौल है और पूरा गांव बेसब्री से योगेंद्र का इंतज़ार कर रहा है।