बुलंदशहर

इंस्पेक्टर सुबोध के मामले एक चौंकाने वाला पत्र आया सामने, हिन्दू नेताओं ने शासन को लिखा था खत!

Special Coverage News
7 Dec 2018 11:39 AM IST
इंस्पेक्टर सुबोध के मामले एक चौंकाने वाला पत्र आया सामने, हिन्दू नेताओं ने शासन को लिखा था खत!
x
बुलंदशहर में कथित गोकशी के शक में हुई हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के मामले में एक और खुलासा हुआ है। घ

बुलंदशहर हिंसा के बाद भले ही मुख्य आरोपियों को योगी की पुलिस पकड़ नहीं पा रही है, लेकिन एक ऐसा खत सामने आया है जिसपर आने वाले समय में राजनीति होना लाजिमी है। इस खत में एक स्थानीय हिंदू नेता ने शासन को इंस्पेक्टर सुबोध के खिलाफ शिकायत करते हुए हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों में बाधा डालने की बात कही है, जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं सुबोध की हत्या के पीछे कोई साजिश तो नहीं।

खत में लिखा गया है कि कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों में बाधा डालने की आदत है। इस कारण हिंदू समाज में उनके लिए गुस्सा है। सोमवार को बुलंदशहर में गोकशी के आरोप के बाद हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में स्याना इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। घटना के तीन महीने पहले लिखे गए दो पैराग्राफ के इस पत्र में कहा गया था, 'उन्हें (इंस्पेक्टर सुबोध) और कुछ और दूसरे पुलिसवालों को यहां से तत्काल ट्रांसफर कर देना चाहिए। उनके खिलाफ विभागीय जांच कराई जाए।' इस पत्र के अंत में यह भी लिखा गया था कि यह मांग बीजेपी के सभी स्थानीय नेताओं की है।




बीजेपी बुलंदशहर के महासचिव संजय श्रोतिया ने कहा, 'बुलंदशहर में हम लोगों और इंस्पेक्टर सुबोध के बीच कई बार मतभेद हुए। हम लोगों ने इंस्पेक्टर सुबोध से कहा था कि जो लोग शहर में बिना हेल्मेट के चलते हैं उनका फाइन न किया जाए, सिर्फ हाइवे पर बिना हेल्मेट के चलने वालों का फाइन किया जाए, लेकिन उन्होंने हमारी नहीं सुनी।' उन्होंने कहा, 'कई बार इंस्पेक्टर सुबोध हिंदुओं के कार्यक्रम में खलल डालते थे। उनके खिलाफ हिंदू समाज में गुस्सा था। लोग उनके ट्रांसफर की मांग कर रहे थे, इसलिए हम लोगों ने स्थानीय सांसद के नाम 1 सितंबर को पत्र लिखा था और इंस्पेक्टर सुबोध के ट्रांसफर की मांग की थी।'

इस पत्र में कई स्थानीय नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे। बीजेपी के पूर्व पार्षद मनोज त्यागी के भी इस पत्र में हस्ताक्षर थे। उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर सुबोध का रवैया बहुत खराब था। हम सभी पार्टी के नेताओं ने सांसद को एक सार्वजनिक पत्र लिखा था।

Next Story