बुलंदशहर

शहीद के सुबोध कुमार के घर पर छाया मातम, सीएम योगी से परिजनों ने यह मांग

Special Coverage News
4 Dec 2018 3:24 AM GMT
शहीद के सुबोध कुमार के घर पर छाया मातम, सीएम योगी से परिजनों ने यह मांग
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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में स्थित स्याना कोतवाली इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत के बाद उनके पैतृक गांव एटा के तरिगवां मे मातम का माहौल बना हुआ है. उनके शहीद होने की सूचना के बाद किसी भी घर में चूल्हे नहीं जले. गाँव के लोग सदमें में है कि आखिर यह सब कैसे हो गया. रात को ही उनके पैतृक आवास पर लोगों की भीड़ जुुटना शुरू हो गई. सबकी जुबान पर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की बहादुरी के किस्से तो वहीं वीर सपूत को खो देने का गम आंखों में नजर आ रहा था. ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आस लगाई है कि गम की घड़ी में वो इस परिवार के साथ हों. यही सरकार और उनसे उम्मीद की जा सकती है.

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत के बाद उनके परिजनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि घटना के जो भी दोषी हों, उन्हें कठोर से कठोर सजा दी जाए. परिजनों ने कहा कि शहीद सुबोध कुमार के कंधों पर पूरे परिवार का भार था. उनके दो बच्चे जो अभी तक अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सके हैं, उनकी जिम्मेदारी भी यूपी सरकार ले.

जब शहीद सुबोध कुमार सिंह के पैतृक गांव तरिगवां में गमगीन माहौल में लोग नजर आए. अपने शेर दिल अजीज को खो देने का जहां उन्हे गम था वहीं उन्हें इस बात का भी फख्र था कि उनके लाल ने अपने कर्तव्य की खातिर खुद को देश पर कुर्बान कर दिया. उनके गांव के लोगों का मानना था कि मुख्यमंत्री ने अपने नायाब हीरे को खो दिया, जो अपने कर्तव्यों की खातिर शहीद हो गया, लेकिन उन्हें उनके शहीद लाल की इस बात की चिन्ता भी नजर आई कि अब उनके बच्चों का क्या होगा. उन्होंने अपने पीछे 20 बर्ष का बड़ा बेटा सरोज और 17 बर्षीय दूसरा छोटा बेटा सोनू को छोड़ा है.

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह राठौर के शहीद होने की खबर के बाद उनके परिवार का रो रोकर बुरा हाल है तो वहीं अपने लाडले की बात करते करते लोगों की आंखे भर आईं। गांव ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों के लोगों को जब इस दुःखद खबर का पता चला तो मानो उन पर पहाड़ टूट पड़ा हो. ग्रामीण उनके अच्छे व्यवहार की बात करते आँखों मे आंसू भरकर लोग भावुक होते दिखे और देखते ही देखते उनके पैतृक निवास में लोगों की भीड़ लगना शुरू हो गई. हर कोई इस जाबाज इंस्पेक्टर के बहादुरी के किस्से बयां करता दिखाई दिया.

उधर उनको पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी गई. उनको सलामी देने के लिए एडीजी जोन मेरठ प्रशांत कुमार , आईजी मेरठ रामकुमार , जिलाधिकारी बुलंदशहर ,एसएसपी बुलंदशहर समेत जिले के सभी उच्चाधिकारी मौजूद रहे. सलामी के बाद उनके शव को उनके पैत्रिक गाँव तरिगवां रवाना कर दिया गया है.

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