उत्तर प्रदेश

योगी के राज्य में चालान का मामला अगर कोर्ट तक पहुंचा तो खड़ी होगी ये मुसीबत

Sujeet Kumar Gupta
12 Sep 2019 7:09 AM GMT
योगी के राज्य में चालान का मामला अगर कोर्ट तक पहुंचा तो खड़ी होगी ये मुसीबत
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लखनऊ। नये मोटर व्हीकल एक्ट केंद्र सरकार के लिए उसका ही एक कानून मुसीबत बन गया है। ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए लाए गए नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि को काफी बढ़ाया गया। सड़क पर लाल बत्ती पार कर जाना या फिर बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन को चलाना बीते कुछ समय से भारत की सड़कों पर आम बात हो रही थी. इसी धारणा को बदलने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मंत्रालय ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना लगाने की नीति अपनाया है। लेकिन नये मोटर व्हीकल एक्ट को कोई राज्यों में विरोध का सामना करना पड़ रहा तो कही इसे लागू भी नही किया गया है।

वही उत्तर प्रदेश में ऑन स्पॉट चालान के लिए पुरानी दर ही लागू रहेगी. दरअसल, योगी सरकार ने इस साल जून में मोटर व्हीकल एक्ट की दरें तय की थी. इसके बाद इन दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यही कारण है नए मोटर व्हीकल एक्ट के जुर्माने ऑन स्पॉट नहीं लागू होंगे, जबकि मामला अगर कोर्ट तक जाता है तो नए दर से जुर्माना देना होगा ।

इससे पहले उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों को और सख्त बनाने के लिए प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने सभी पुलिसकर्मियों को पत्र लिखा. इस पत्र में ओपी सिंह ने कहा कि अगर पुलिस का कोई अधिकारी ट्रैफिक के नियम तोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जुर्माना राशि से दोगुना उससे वसूला जाए. इसमें कहा गया कि अगर कोई पुलिसकर्मी नियम तोड़ता हुआ पाया जाए तो उसे दोगुना जुर्माना चुकाना होगा. ताकि जनता में एक संदेश जाए और पुलिस वाले भी मोटर वाहन कानून तोड़ने से डरें।

बता दें, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्रीय मोटरयान संशोधन अधिनियम 2019 को एक सितंबर से लागू कर दिया है. इस मामले में परिवहन विभाग ने 28 अगस्त को अधिसूचना भी जारी कर दी. नए नियमों के मुताबिक ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने पर वाहन चलाने वाले को अब पहले से कई गुना ज्यादा जुर्माना देगा देना होगा।

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