चित्रकूट

भीषण सड़क हादसे के बाद बीजेपी के पूर्व सांसद थानेदार को हटाने के लिए परिजनों समेत धरने पर बैठे, थानेदार हटा अब होगा शवों को पोस्टमार्टम

Shiv Kumar Mishra
24 Nov 2023 11:02 AM IST
भीषण सड़क हादसे के बाद बीजेपी के पूर्व सांसद थानेदार को हटाने के लिए परिजनों समेत धरने पर बैठे, थानेदार हटा अब होगा शवों को पोस्टमार्टम
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After the horrific road accident, former BJP MP sat on a dharna along with his family members to remove the police station officer

चित्रकूट- चित्रकूट के भरतकूप थानांतर्गत कल सुबह हुए भीषण सड़क हादसे में मौत के मामले पर थानाध्यक्ष भरतकूप सूबेदार बिंद को हटाए जाने को लेकर पूर्व भाजपा सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा लगातार परिजनों और समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हुए थे। जिसके बाद चित्रकूट पुलिस ने आज सुबह उनकी मांगे मान ली है और थानेदार सूबेदार बिंद को जांच होने तक लाइन में सम्बद्ध करने के आदेश दे दिए हैं, धरना समाप्त हो गया है और कुछ देर में शवो का पोस्टमार्टम होगा।

क्या था मामला

चित्रकूट में भीषण सड़क हादसा हुआ। जिसमें रैपुरा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत बगरेही के पास चित्रकूट से प्रयागराज जा रही जनरथ बस (up-ft-7912 )और प्रयागराज की तरफ से आ रही बोलेरो (mp-ca-3856)की आमने सामने टक्कर से सड़क दुर्घटना में बोलेरो सवार 11 यात्रियों में 5 लोगो की मौत हो गई। घायलों को रिफ़र किया गया। तत्काल जिला अधिकारी अभिषेक आनंद व पुलिस अधीक्षक बृंदा शुक्ला चित्रकूट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।

भरतकूप में हुई सड़क दुर्घटना के बाद पुलिसिया लापरवाही पर बाद पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्र ने एसपी को खरी खरी सुनाई।

चित्रकूट को लेकर मैं पहले भी कह चुका हूँ की ओवरलोड ट्रकों के कारण लगातार सड़क दुर्घटनाएँ हो रही हैं जो की दुर्घटना नहीं हत्या है ।कर्वी बाईपास कब तक बनेगा किसी को नहीं पता । चित्रकूट की राजनीति शून्यता की ओर अग्रसर है और जनप्रतिनिधि तो पूरी तरह सो रहे हैं । बालू , गिट्टी और पत्थर से लदे ट्रकों की बेलगाम रफ़्तार के आगे पूरा सरकारी सिस्टम नतमस्तक है । कल भरतकूप में हुई घटना बेहद दुखद है और सरकारी सिस्टम द्वारा की गई लापरवाही शर्मनाक विषय है और इसकी गहन जाँच होनी चाहिए ।

दोषी जो भी हों लेकिन असल में इसके पीछे एक पूरा सिंडिकेट है जो चित्रकूट और बाँदा की खनिज संपदा को लूटने के साथ साथ प्रकृति को भी बर्बाद कर रहा है । ऐसे बर्बर सिंडिकेट के ख़िलाफ़ कोई भी लड़ाई सियासी नहीं है क्योंकि जब तक आप अपनी आवाज़ मुखर नहीं करेंगे तब तक ये हावी रहेंगे और सिस्टम भी करप्ट रहेगा। जो इन सिंडिकेट के ख़िलाफ़ स्टैंड लेगा उसे अडिग रहकर डटकर मुक़ाबला करना पड़ेगा ॥ चित्रकूट ज़िले की यातायात व्यवस्था को धड़ाम करने में सबसे अधिक योगदान ट्रकों की बेलगाम रफ़्तार और सिस्टम के पास जा रही मोटी रक़म है । उक्त सिंडिकेट उन सियासी रसूखदारो का है जो चित्रकूट और बाँदा को लूटकर उसी ज़मीन पर राजनीति करना चाहते है।

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