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चित्रकूट उपचुनाव में कांग्रेस की 14 साल में 14133 वोटों से बड़ी जीत, क्यों जीती कांग्रेस ?
चित्रकूट : मध्य प्रदेश के चित्रकूट में हुए विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत से कांग्रेस में काफी उत्साह है। कांग्रेस ने बीजेपी को भारी मतों से पटखनी दी है। कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी ने बीजेपी के शंकरदयाल त्रिपाठी को 14 हजार 133 वोटों से हराया।
तीन उपचुनावों में कांग्रेस की यह लगातार दूसरी और 14 साल में हुए चार चुनावों में ये सबसे बड़ी जीत है। बता दें 2003 में कांग्रेस के प्रेमसिंह इस सीट पर 8799 वोटों से जीते थे। इसके बाद 2008 में भाजपा के सुरेंद्र सिंह गहरवार ने प्रेम सिंह को 722 वोटों से हराया। 2013 में मोदी लहर के बावजूद इस सीट पर प्रेम सिंह फिर विजयी हुए। उन्होंने गहरवार को 10970 वोटों से हराया था। 29 मई 2017 को उनके निधन के कारण यह उपचुनाव हुआ था।
दरअसल ये सीट परंपरागत तौर पर कांग्रेस की रही है। 1956 में मप्र के गठन के बाद से चित्रकूट कांग्रेस का गढ़ रहा है। 61 साल में सिर्फ तीन बार यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकली। लेकिन इस बार इस सीट को जीतने के लिए खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन दिनों तक चित्रकूट में डेरा डाले रहे लेकिन फिर भी उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। शायद जनता बीजेपी के वादों से संतुष्ट नहीं हुई। भाजपा की यह हार कांग्रेस के लिए संजीवनी से कम नहीं।
कांग्रेस की जीत के कारण
चुनावी विशेषज्ञों के अनुसार चित्रकूट उपचुनाव में कांग्रेस के जीत का कारण है, इसमें शुरू से स्थानीय नेता एक दिखने का प्रयास करते नजर आए। लेकिन जब कभी-कभार विवाद की स्थिति सामने आई, तो शीर्ष नेतृत्व ने दखल दिया और समय रहते मामले को सुलझा लिया। वहीं इस सीट के लिए स्थानीय रणनीतिकारों के सलाह से टिकट दी गई। और प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी की चित्रकूट क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान है। और कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी युवा है और युवाओं में उनकी अच्छी पैठ भी है। जो कांग्रेस के लिए लाभदायक साबित हुई। वहीं दिवंगत विधायक प्रेम सिंह बरौंधा के निधन की सहानुभूति का लाभ नीलांशु चतुर्वेदी को मिला।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने रविवार को परिणाम आने के बाद कहा कि इस नतीजे ने बीजेपी के 'अबकी बार-200 पार' के हवाई दावों और अहंकारी जुमलों को भी धराशायी कर दिया है। उन्होंने कहा यह ऐतिहासिक जीत है, यह जीत जनता के विश्वास और कार्यकर्ताओं की संगठित मेहनत के चलते मिली है। साथ ही सरकार की हर तरह की कोशिश नाकाम हुई है।
वहीं पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सुभाष सोजतिया ने कहा कि चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत इस बात का संदेश है कि मतदाताओं का बीजेपी और शिवराज से मोहभंग हो चला है। यह जीत राहुल गांधी के ऊर्जावान नेतृत्व की जीत है। उन्होंने पूरे देश में जिस तरीके से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश का संचय किया है, उसी के परिणामस्वरूप कांग्रेस को चित्रकूट में प्रचंड जीत मिली है।
माना जा रहा है कि इस उपचुनाव में मिली जीत का लाभ कांग्रेस को अगले महीने गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों में मिल सकता है। वहीं, कहा ये भी जा रहा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इस उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है।