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- नहीं रहे बुंदेलखंड के...
अनुज हनुमत
चित्रकूट :तक़रीबन 90 वर्ष का एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने अपने दृढ़ निश्चय से गाँव में पानी की समस्या ख़त्म कर दी । एक ऐसा शख़्स जो अपने शुरुआती दिनो में गांधी जी से मिला था और उनसे प्रेरित होकर अपने गाँव की बेहतरी के लिए कार्य किया।
अभी अभी मिली जानकारी के अनुसार बुंदेलखंड के दशरथ माझी कृष्णा कोल अब हमारे बीच नही हैं । उन्होंने आज अपने गाँव बडेहार का पुरवा में अंतिम सांस ली । पिछले कई वर्ष से इस गांव की अनगिनत समस्याओं के लिए रिपोर्टिंग करता आ रहा हूँ जिसके चलते अक्सर गाँव जाना होता है। कई बार कृष्णा कोल से जब उनके जीवन के विषय में बातचीत हुई तो हमेशा उन्होंने एक बात कही की व्यक्ति के सामने कैसी भी परिस्थिति हो लेकिन उसे हार नहीं माननी चाहिये ।
कृष्णा कोल जी की अंतिम इच्छा ये थी की उनके गाँव तक सम्पर्क मार्ग बन जाए जिससे गाँव में शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था दुरुस्त हो जाये। गाँव में स्कूल न होने के कारण आज चौथी पीढ़ी भी स्कूल नही जा सकी है और सम्पर्क मार्ग न होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएँ भी इस गाँव तक नही पहुँचती हैं। चारों तरफ़ पहाड़ से घिरे इस गाँव में अधिकांश आदिवासी परिवार रहते हैं । बड़ेहार का पुरवा मजरा चित्रकूट के मानिकपुर विकासखंड अंतर्गत गढ़चपा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आता है ।
कृष्णा कोल हमारे चित्रकूट जनपद के लिए एक रीयल हीरो हैं और ऐसे व्यक्तित्व के लिए हम जितना भी करें वो कम होगा । प्रशासन से मेरी माँग है की बड़ेहार तक सम्पर्क मार्ग का जल्द से जल्द निर्माण किया जाए जिसका नाम कृष्णा कोल सम्पर्क रखा जाए और उनकी अंतिम इच्छा जल्द से जल्द पूरी कि जाये ।