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फ़ौजदारी चाय : 10 पैसे की चाय से शुरू हुआ सफ़र 48 साल बाद भी बदस्तूर जारी , युवाओं के लिए बने नजीर
जब देश में स्टार्ट अप जैसे शब्दों का चलन ही नहीं था तब एक व्यक्ति ने चंद पैसों से अपना छोटा सा स्टार्ट अप डाला और आज एक स्थिर व्यापारी हैं । मैं बात कर रहा हूँ चित्रकूट ज़िले के मानिकपुर नगर में चाय की दुकान चलाने वाले फ़ौजदारी की जिनका वास्तविक नाम राजकरण यादव है, जो आज मानिकपुर नगर के लोकप्रिय चाय वाले हैं।
वर्ष 1976 से नगर में ही एक चाय की दुकान में नौकरी से शुरुआत करने वाले फ़ौजदारी (राजकरण) आज दिन भर में सैकडो कुल्हड़ चाय बेंचते हैं और स्वाद के मामले में नगर के सबसे प्रसिद्ध चाय वाले हैं । फ़ौजदारी बताते हैं कि जब उन्होंने चाय बेंचने की शुरुआत की तब पहली चाय 10 पैसे की बेंची थी । उस समय उन्हें एक महीने में मुश्किल से पचास रुपये ही मिलते थे । उन्होंने बताया कि जीवन के शुरुआती दिनों में चाय की दुकान में नौकरी में काम करने के बाद 22 वर्ष की उम्र में उन्होंने मानिकपुर में चाय की दुकान डालकर एक छोटा सा स्टार्ट अप शुरू किया । तबसे लगातार फ़ौजदारी चाय का सफ़र बदस्तूर जारी है और 10 पैसे से चाय की शुरुआत करने वाले राजकरण जी आज 10 रुपये की चाय बेंच रहे हैं ।
राजकरण जी बताते हैं कि उन्हें पढ़ाई करने का कभी मौका नही मिला लेकिन वह आज अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं और चाहते हैं की वह अच्छे इंसान बनें । फ़ौजदारी चाय का संघर्ष आज के युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है । 48 वर्षों से लगातार संघर्ष कर रहे राजकरण जी (फ़ौजदारी चाय ) इस बात की मिशाल हैं की अगर किसी भी कार्य को लगातार पूरी सिद्दत के साथ किया जाये तो सफलता को हर हाल में कदम चूमना ही पड़ेगा ।
आज के दौर में स्टार्ट अप की भरमार है और लगातार युवा कोशिश कर रहे हैं की अपना बिज़नेस डालें और सफलता हासिल करें । ऐसे समय में राजकरण जी (फ़ौजदारी) जैसे लोगों का बिज़नेस मॉडल युवाओं की सफलता के लिए मूलमंत्र साबित हो सकता है । फ़ौजदारी बताते हैं की उन्होंने अपनी शुरुआत से दादू ,दबंग और ददुआ तक का समय देखा है लेकिन कभी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुआ । फ़ौजदारी भाई का सपना है की एक बार वह प्रधानमंत्री मोदी को चाय पिलायें
अनुज हनुमत की रिपोर्ट