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आजम खान के करीबी को कोर्ट ने दिया झटका, सीओ आले हसन की 3 मामलों में अग्रिम जमानत खारिज
समाजवादी के नेता आजम खान के करीबी रिटायर्ड सीओ अली हसन को कोर्ट ने फिर झटका दिया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ अजीमनगर थाने में जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज तीन और मामलों में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। इस समय वह जमानत पर बाहर चल रहे हैं। अब तक उनकी 13 मामलों में अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
आलियागंज के किसानों ने वर्ष 2019 में यह आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था कि सपा शासनकाल में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए उनकी जमीनों का जबरन बिना पैसा दिए बैनामा करा लिया। आरोप था कि उस समय के थानाध्यक्ष रहे कुशलवीर ने उन लोगों को अवैध रूप से हवालात में बंद रखा। तत्कालीन सीओ आले हसन ने भी किसानों का उत्पीड़न किया और रंजिशन झूठे मुकदमों में फंसाया।
पुलिस पर उनके साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया था। इन आरोपों के साथ आलियागंज के किसानों ने अजीमनगर थाने में 27 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें सपा विधायक आजम खां, आजम खां की पत्नी और पूर्व विधायक डॉ. तजीन फात्मा, विधायक अब्दुल्ला आजम और रिटायर्ड सीओ आले हसन सहित कई लोगों को नामजद किया गया था। पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
रिटायर्ड सीओ ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में तीन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किए। इन पर सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना तथा सहायक शासकीय अधिवक्ता कमल कुमार गुप्ता ने तर्क दिया कि अपराध गंभीर प्रकृति का है और सभी मामलों में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल हो चुका है।
लिहाजा, अग्रिम जमानत मंजूर न की जाए, जबकि, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ पत्रावली पर साक्ष्य नहीं हैं और उन्हें राजनैतिक रंजिश के तहत झूठा फंसाया गया है। एडीजीसी कमल गुप्ता ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आले हसन के अधिवक्ता की ओर से दाखिल किए गए तीन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए हैं। इस तरह अब तक 13 मामलों में अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है।