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देवरिया हॉरर होम: इस भयावह सच्चाई को जानकर उड़ जाएंगे होश!

Arun Mishra
8 Aug 2018 2:58 AM GMT
देवरिया हॉरर होम: इस भयावह सच्चाई को जानकर उड़ जाएंगे होश!
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मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह मासूम बच्चियों के लिए यातना गृह बन गया था।

देवरिया : मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह मासूम बच्चियों के लिए यातना गृह बन गया था। बच्चियों पर जबरन यौन सम्बंध बनाने और दोगुने उम्र के मर्दों से शादी के लिए दबाव बनाया जाता था। छोटी बच्चियों से दिनभर घर का काम करवाया जाता था। गलती से शेल्टर होम के छज्जे पर आ जाएं खींचकर अंदर ले जाया जाता था। संरक्षण गृह का यह स्याह सच गोरखपुर से बच्चियों की काउंसिलिंग के लिए आईं 181 हेल्पलाइन की काउंसलर्स के सामने आया है।बच्चियों ने दबी जुबान में संरक्षण गृह के कई डरा देने वाले पल उनसे साझा किए हैं।

लड़कियों ने काउंसलर्स को बताया कि बड़ी और छोटी मैडम सामूहिक विवाह समारोहों का भी आयोजन करवाती थीं। फरवरी 2018 में हुए ऐसे ही एक आयोजन के दौरान दो लड़कियों पर उनसे उम्र में कहीं बड़े मर्दों के साथ शादी के लिए दबाव बनाया था, लेकिन वे राजी नहीं हुईं। उन्होंने बताया कि कुछ लड़कियों की शादी ऐसे ही समारोह में करवाई भी गई। बच्चियों ने यह भी बताया कि उन्हें दिन में दो बार ही खाने को मिलता था। सुबह के नाश्ते में दो सूखी रोटी और अचार मिलता था जबकि काम दिनभर करवाया जाता था। काउंसिलिंग के दौरान एक बच्ची ने यौन शोषण की बात कबूली, लेकिन खुलकर नहीं बोला। बच्ची को सहमा देख काउंसलर्स ने उस पर दबाव भी नहीं बनाया।
दो बच्चियों ने नहीं करवाया मेडिकल
पुलिस जब बच्चियों का मेडिकल करवाने अस्पताल पहुंची तो दो नाबालिग बच्चियों ने मेडिकल से इनकार कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों के पैनल ने भी कह दिया कि उनकी सहमति के बिना मेडिकल नहीं हो सकता। बच्चियों ने इनकार क्यों किया इसका पता लगाया जा रहा है। संरक्षण गृह से बरामद बच्चों में तीन लड़के हैं। एक दो साल का, एक आठ और एक दस साल का। बाकी 10 से 19 साल की 21 बच्चियां हैं।
स्टेशन रोड पर संरक्षण गृह के पास वर्ष 1927 से संचालित भाष्कर प्रेस को संभाल रहे चौथी पीढ़ी के वीएन शर्मा ने बताया कि करीब तीन साल से संरक्षण गृह की गतिविधियां संदिग्ध लगने लगी थीं। वहां जिला प्रशासन और पुलिस के इतने बड़े-बड़े अफसर आते-जाते थे तो किसी की कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती थी।
संरक्षण गृह के सामने ही शराब की दुकान है, जो सुबह से देर रात तक खुली रहती है। वहां अक्सर अराजक तत्वों के साथ लग्जरी गाड़ियां खड़ी रहती हैं। इसके अलावा गली में ही एक बदनाम होटल भी है, जहां संदिग्धों का आना-जाना लगा रहता है। इलाके के लोगों ने इसका खुलकर विरोध भी किया। यहां कई बार पुलिसवाले भी आते हैं। इसलिए गतिविधियां धड़ल्ले से चल रही हैं।

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