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राजा भैया की DSP जियाउल हक मर्डर केस में मुश्किलें बढ़ गई है, CBI ने फिर से शुरू की जांच
साल 2013 में हुआ DSP जियाउल हक हत्याकांड(DSP Zia Ul Haq Case) का मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। इस मामले में CBI की 5 सदस्यीय टीम कुंडा पहुंची और लोगों से पूछताछ की। इस हत्याकांड में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया(Raja Bhaiya) के साथ MLC गोपाल समेत 5 लोग आरोपी हैं। पिछले 10 सालों से चल रहे इस केस में CBI की टीम प्रतापगढ़ पहुंची हैं। एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, CBI की टीम ने पुलिस लाइन के गेस्ट हाउस में मनोज शुक्ला से पूछताछ की। CBI ने इस मामले में पूछताछ के लिए कई अफसरों और आरोपियों की सूची तैयार की है। आपको बता दें कि मनोज शुक्ला तत्कालीन SHO थे।
अखिलेश सरकार में राजा भैया को मिली थी क्लीन चिट
2 मार्च 2013 को जब हथिगवा थाना के बलीपुर गांव में हंगामा और हिंसा हुई, तब तत्कालीन DSP जियाउल हक मौके पर पहुंचे। इस दौरान गांव वालों ने जियाउल हक को घेर कर उनकी हत्या कर दी। यह आरोप है कि इस दौरान मनोज शुक्ला भी जियाउल हक के साथ थे, मगर वह छोड़ कर भाग गए थे। अखिलेश यादव सरकार की सिफारिश पर तत्कालीन केंद्र सरकार ने इस हत्याकांड की जांच CBI को सौंपी थी। हालांकि, CBI ने इस मामले में राजा भैया को क्लीन चिट दे दी थी और उनके खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू हुई जांच
इस मामले में CBI द्वारा दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट को ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद DSP जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक CBI को 3 महीने में आगे की जांच कर अपने रिपोर्ट दाखिल करनी है। DSP जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने इस मामले में हत्या की तहरीर दी थी। जियाउल हक की पत्नी ने 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। इसमें राजा भैया, तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, राजा भैया के प्रतिनिधि हरिओम श्रीवास्तव, रोहित सिंह, राजा भैया के ड्राइवर रहे संजय सिंह उर्फ गुड्डू के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
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