उत्तर प्रदेश

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: सपा में मची खलबली, 17 के बदले 21 जिलों में भाजपा की निर्विरोध जीत तय

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: सपा में मची खलबली, 17 के बदले 21 जिलों में भाजपा की निर्विरोध जीत तय
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लखनऊ। यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में नामांकन वापसी का समय मंगलवार दोपहर 3 बजे समाप्त हो गया। और 3 जुलाई को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा। दोपहर 3 बजे बाद मतगणना कर परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसी बीच सहारनपुर, शाहजहांपुर, बहराइच और पीलीभीत में भी भाजपा ने प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों का नामांकन वापस लेने में सफलता हासिल की है। इन जिलों में भाजपा प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय हो गया है। इस तरह भाजपा के 21 जिलों में निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष तय हो गए हैं। एक इटावा में सपा के उम्मीदवार का निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुना जाना तय है। बतादें कि जब नामाकंन हुआ था तभी बीजेपी ने 17 सीटों पर निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष तय हो गए थे।

बतादें कि शाहजहांपुर में सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी वीनू सिंह भाजपा में शामिल हो गई है मंगलवार को सुबह कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने भाजपा कार्यालय में वीनू सिंह को सदस्यता दिलवाई। भाजपा में शामिल होने के बाद वीनू सिंह ने अपना नाम वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र डीएम को दिया था। इस तरह से भारतीय जनता पार्टी की घोषित प्रत्याशी ममता सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित होंगी।

इन जिलों में निर्विरोध निर्वाचन

मेरठ, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर, झांसी, बांदा, मऊ, गोरखपुर, गोण्डा, बलरामपुर, चित्रकूट, श्रावस्ती ,वाराणसी,सहारनपुर, शाहजहांपुर, बहराइच और पीलीभीत। इनमें से 21 जिलों में भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये जाएंगे।

दरअसल, जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के नतीजे अगले साल विधानसभा चुनाव पर भी असर डालेंगे. ऐसे में बीजेपी पंचायत चुनाव में किसी तरह से कमजोर नही पड़ना चाहती है, क्योंकि सदस्यों के चुनाव में जिस तरह से सपा के हाथों बीजेपी पिछड़ी है. ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव बीजेपी सत्ता में रहते हुए हारती है तो पार्टी के लिए सियासी संदेश बेहतर नहीं होगा

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