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यूपी में EVM पर बवाल, अखिलेश के आरोपों पर चुनाव आयोग का आया जवाब, जानिए- क्या कहा?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर बवाल शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ की जा रही है और वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट स्थानीय उम्मीदवारों को सूचित किए बिना इसे ले जा रहे हैं.
चुनाव आयोग का आया जवाब
अखिलेश यादव के आरोपों पर उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने साफ तौर पर इनकार किया है. चुनाव आयोग ने कहा है कि एक वीडियो में दिखाए गए ईवीएम ट्रेनिंग के लिए ले जाए जा रहे थे.
इससे पहले अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ईवीएम से छेड़छाड़ कर रहे हैं और वाराणसी के जिलाधिकारी स्थानीय उम्मीदवारों को बिना बताए उन्हें ले जा रहे हैं.समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के आरोपों पर जवाब देते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ने अपने एक बयान में कहा, "कुछ राजनीतिक दलों की ओर से हमारे संज्ञान में लाया गया वाराणसी जिले में कुछ ईवीएम को एक वाहन में ले जाया जा रहा था. जांच करने पर पता चला कि ये ईवीएम ट्रेनिंग के उद्देश्य से ले जाई जा रहीं थी. मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि इन ईवीएम को 9 मार्च, 2022 को राज्य के एक कॉलेज में प्रशिक्षण स्थानों पर ले जाया जा रहा था और एक खाद्यान्न गोदाम में रखा गया था"
राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ने आगे कहा, "इन ईवीएम को स्ट्रॅांग रूम में ले जाने के दौरान एक राजनीतिक दल के कुछ सदस्यों ने वाहन को रोक दिया और अफवाह फैलाना शुरू कर दिया कि वाहन में वोटों की गिनती के लिए ईवीएम हैं." आरोपों के बाद वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मंगलवार को कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. शर्मा ने कहा, "लगभग 20 ईवीएम को प्रशिक्षण के लिए यूपी कॉलेज ले जाया जा रहा था. कुछ राजनीतिक लोगों ने वाहन रोक दिया और यह कहकर अफवाह फैला दी कि इन ईवीएम का इस्तेमाल चुनाव में किया गया था. जबकि स्ट्रांग रूम अलग है और कल पकड़ी गई यह ईवीएम मशीन अलग है. मतगणना ड्यूटी के लिए नियुक्त कर्मचारियों का यह दूसरा प्रशिक्षण है और इन मशीनों का प्रयोग प्रशिक्षण में हमेशा व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए किया जाता है." उन्होंने कहा कि उपर्युक्त 20 ईवीएम का मतदान में उपयोग नहीं किया गया था और उन्हें प्रशिक्षण के उद्देश्य से भेजा जा रहा था.