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एटा में पुस्तक मेला एक प्रशंसनीय कदम लेकिन राजकीय इंटर कालेज का प्रबंधन निराशाजनक
एटा। राजकीय इंटर कालेज, एटा में गत वर्षों की भांति शिक्षाविद स्व.बृजपाल सिंह की स्मृति में ७-८-९ दिसम्बर को आयोजित पुस्तक मेला सराहनीय ही नहीं प्रशंसनीय कदम है। गौरतलब है कि इस पुस्तक मेले में देश के ख्यातनामा प्रकाशक पुस्तकों के साथ भागीदारी करते हैं। इसका सुखद परिणाम यह होता है कि एटा सहित समीपस्थ जिलों के छात्र-छात्राएं, नौजवान शिक्षापयोगी ज्ञान-विज्ञान, इतिहास, सामाजिक विषयों सहित प्रतियोगी परीक्षाओं आदि से सम्बन्धित पुस्तकें सहजता से प्राप्त कर ज्ञानवर्धन करते हैं। इसके लिए आयोजक कालेज के पूर्व छात्र बधाई के पात्र हैं। प्रति वर्ष कालेज प्रांगण में आयोजित समारोहों में कालेज के पूर्व छात्रों की सहभागिता और जिला प्रशासन का सहयोग-सर्मथन अतुलनीय है।
अतः जिला एटा ही नहीं समीपस्थ जिलों के छात्रों -छात्राओं, शिक्षाविदों, अभिभावकों व प्रशासन से अनुरोध है कि वह इस स्वर्ण अवसर का लाभ उठाये। लेकिन कालेज प्रबंधन द्वारा कालेज की देखरेख, साफ-सफाई में नाकामी देख बहुत पीड़ा होती है। जगह-जगह कूड़े के ढेर, तीन-चार फुट ऊंची घास, गड्ढे इसके जीवंत प्रमाण हैं।
हर साल आयोजन के समय पूर्व छात्र स्वयं के प्रयासों व नगर परिषदों के सहयोग से इसकी साफ-सफाई करवाते हैं। जिला प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए ताकि जिले की शान यह कालेज समय के थपेड़ों के चलते इतिहास की वस्तु न बन जाये।
ज्ञानेन्द्र रावत वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं पर्यावरणविद पूर्व छात्र राजकीय इंटर कालेज