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Etah Double Murder Mystery: भाई भाभी का कत्ल कर खून से सने हाथ धोए, फिर रोए और चिता को मुखाग्नि भी दी, अब हत्यारे हुए साबित गए जेल
एटा कोतवाली देहात इलाके के गांव श्रीकरा में हुए दोहरे हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हत्याकांड को अंजाम देने वाले बेरहम भाई ने वारदात के बाद खून से सने हाथों को तालाब में जाकर धोया। यहां पर खून में सराबोर कपड़ों को फेंका और दोस्त को लेकर अमांपुर चला गया। इससे पहले जिरसिमी नहर पर दोनों ने जमकर शराब पी। पांच घंटे बाद लौटकर घर आए और यहां से वारदात स्थल पर जा पहुंचे। भाई और उसकी पत्नी के शव को भी पुलिस के साथ उठवाया।
कैसे दिया घटना को अंजाम
पुलिस के मुताबिक सोमवार सुबह करीब साढ़े छह बजे प्रवेंद्र के साथ पंकज उर्फ धर्मेंद्र अपने भाई जितेंद्र के घर पहुंचा। उस समय जितेंद्र शौच के लिए गया था। घर पर उसकी पत्नी प्रीति थी। पंकज सीढ़ी से ऊपर गया, प्रीति सीढ़ियों के गेट पर मिली। वहां से दोनों प्रीति को खींचकर नीचे ले आए। छुरे से प्रहार कर लहूलुहान कर दिया। उसी समय पंकज ने तीन वर्षीय बेटे के रोने पर उसके सिर पर हथौड़े से प्रहार किया, जिससे वह गिरकर बेहोश हो गया। दोनों ने समझा कि वह मर चुका है। जितेंद्र जैसे ही शौच करने के बाद घर वापस आया। तभी प्रवेंद्र ने जितेंद्र के ऊपर छुरे से कई बार किए और उसका गला रेत दिया। इसके बाद शटर गिराकर दोनों वहां से चले गए। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद दोनों तालाब के किनारे गए। यहां हाथ धोए। शर्ट, जैकेट और टोपा तालाब में फेंक दिया। इसके बाद जिरसमी नहर स्थित सरकारी ठेके पर शराब पी और सड़क पर आकर ऑटो में बैठ कस्बा अमांपुर जिला कासगंज चले गए।
दोनों के शवों को पंकज ने मुखाग्नि
सुबह करीब साढ़े नौ बजे प्रवेंद्र ने पंकज से फोन पर बात की। 12 बजे कपड़े बदलने के बाद वारदात स्थल पर दोनों आए और जितेंद्र व प्रीति के शव को लोगों को भ्रमित करने के लिए घर से बाहर निकालने में मदद की। इससे इन पर किसी को शक न हो। कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव श्रीकरा में दंपती की हत्या के बाद सोमवार की रात करीब 11 बजे दोनों के शव पोस्टमार्टम के बाद गांव लाए गए। पुलिस ने अपनी मौजूदगी में ही रात को ही दोनों का अंतिम संस्कार कराया। हत्यारोपी भाई पंकज ने दोनों की चिताओं को मुखाग्नि दी। उस समय तक किसी को नहीं पता था कि पंकज ने ही इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार की सुबह जितेंद्र और इसकी पत्नी प्रीति की हत्या की गई थी। इसके बाद दोनों के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस ले गई। लौटते समय करीब 11 बज चुके थे। काफी संख्या में पुलिस कर्मी दोनों शव के साथ आए थे। पुलिस ने परिजनों ने मंत्रणा की। गांव के लोगों ने एक ही चिता पर दोनों की अंत्येष्टि करने की बात की। इस पर पुलिस ने कोई एतराज नहीं किया और परिजन के सहयोग से रात में ही एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। घर में जितेंद्र और पंकज दो ही सगे भाई थे। पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। ऐसे में पंकज ने दोनों को मुखाग्नि दी।