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- 7 लोगो की लाशों का...
उत्तर प्रदेश के एटा के मिरहची इलाके में धमाके के बाद 7 लोगो की दर्दनाक मौत होगयी। जबकि दर्जन भर से ऊपर लोग घायल विभत्स रूप से घायल भी हुए है। कई लोग तो जिंदगी मौत की जंग अस्पताल में लड़ रहे है। ये हादसा जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की बड़ी लापरवाही की बानगी है।, जिसमे जनपद की पुलिस प्रणाली पर गम्भीर सवाल उठ रहे है। और जिम्मेदारों पर अभी तक कोई भी कार्यवाही न होना भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को कठघरे में खड़ा कर रहे है।
मिरहची में घर-घर मे बना कुटीर उद्योग
इस जख्म को भूल पाना एटा जनपद को शायद नामुमकिन सा ही होगा। क्योंकि इस हादसे में बच्चो की हसती खेलती जिंदगी में तबाही का मंजर सा आ गया है। वही स्थानीय निवासियो की माने तो विस्फोटक का करोबार इस मोहल्ले के हर घर में संचालित किया जाता है। इसको सीधा-सीधा यह भी कह सकते है ये कारोबार यहां का कुटीर उद्योग बन चुका है।
एसओ मिरहची के पदीयदायित्वो पर उठ रहे सवाल-
स्थानीय निवासियों का कहना है। एटा पुलिस की मिलीभगत से ये तबाही का कारोबार फल-फूल रहा था। बीट सिपाहियों और थाना अध्यक्ष की मिलीभगत के बिना कोई भी ऐसा कारोबार जो तबाही का मंजर बन सकता है। वो सम्भव ही नही है। अगर बात पुलिस के दलों की करे तो खुफिया विभाग जैसे सक्रिय दल भी इस चीज से मिले हुए हो सकते है। वैसे एसओ मिरहची ने एटा पुलिस की थू-थू कराने में कोई कोर-कसर नही छोड़ी है।
आतिशबाजी के लाइसेंस के लिए क्या है नियम कानून-
लाइसेंस देते समय हो सकता है सम्बंधित विभाग ने जांच पड़ताल की हो लेकिन समय समय पर इस लाइसेंस की जांच पड़ताल क्यो नही की गयी। जानकारों की माने तो ये कारोबार रिहायशी इलाके से दो किमी की दूरी पर संचालित होने चाहिए। समय-समय पर वहां की कार्यप्रणाली की जांच भी होनी चाहिए।
आज भी बने हुए है कुछ बड़े सवाल-
इस भयानक मंजर की तबाही देखने के बाद भी इससे संबंधित अधिकारियों पर कोई कार्यवाही न होने से जिला प्रशासन सवालो के कटघरे में खड़ा हुआ नजर आता है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक एसओ मिरहची की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है, उसके बाद एटा का इंटेलिजेंस भी फेल हुआ नजर आ रहा है।