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जेल में बंद इंस्पेक्टर को बाइज्जत किया कोर्ट ने बरी, तो भावुक होकर कही ये बात
महोबा जनपद के कुलपहाड़ कोतवाली में तैनात रह चुके इंस्पेक्टर को दुष्कर्म के मामले में 4 माह बाद न्याय मिला है। इंस्पेक्टर को ड्यूटी के दौरान इटावा जनपद की पुलिस दुष्कर्म के मामले में अपने साथ ले गई थी जहां 4 माह तक जेल में रहने के बाद इटावा अपर सत्र न्यायाधीश ने दुष्कर्म के आरोप को निराधार बताते हुए दोषमुक्त कर दिया और बाइज्जत बरी किया है। न्यायालय के इस फैसले से जहां पीड़ित इंस्पेक्टर और उसके परिवार में खुशी की लहर है।
इटावा जेल में बंद रहे
महोबा जनपद के कुलपहाड़ कोतवाली में तैनात रहा एक इंस्पेक्टर अपनी बेगुनाही और इंसाफ के लिए 4 महीने तक इटावा जेल में बंद रहा और आखिरकार उसे ना केवल इंसाफ मिला है बल्कि इटावा अपर सत्र न्यायाधीश ने साजिशन दर्ज हुए मुकदमे में इंस्पेक्टर को बाइज्जत बरी कर दिया। दरअसल आपको बता दें कि कुलपहाड़ कोतवाली में तैनात रहे इंस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह को इटावा जनपद की पुलिस दुष्कर्म के एक मामले में 3 नवंबर को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई थी जहां इंस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह को इटावा जेल में बंद किया गया था।
महिला ने लगाया था आरोप
आपको बता दें कि महोबा जनपद में पोस्टिंग होने से पहले उक्त इस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह इटावा जनपद के चकरनगर थाना प्रभारी थे। जहां वर्ष 2021 में एक महिला द्वारा इन पर दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में इटावा पुलिस द्वारा जेल भेज गया था। इसके बाद से पूरा परिवार न्याय के लिए भटकता रहा। आखिरकार 4 महीने जेल में रहने के बाद इंस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह को उस समय न्याय मिला, जब इटावा जनपद के अपर सत्र न्यायाधीश ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया और पूरे मामले को साजिश करार दिया है।
कोर्ट ने बरी किया
पीड़ित इंस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि उन्हें न्यायालय पर उम्मीद थी और भरोसा था कि उन्होंने जो कृत्य नहीं किया है उसकी सजा उन्हें नहीं मिलेगी और आखिरकार निष्पक्ष जांच हुई और न्यायालय ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया। उन्होंने बताया कि उनके जीवन का यह सबसे कठिन समय था लेकिन मुझे न्यायालय से न्याय मिलने की।