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अयोध्या विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए दिए आदेश, पैनल गठित
अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला दे दिया है. सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता से होगा अयोध्या मामले का समाधान. इस फैसले से सभी वर्गों में ख़ुशी की लहर दौड़ जानी चाहिए जबकि राम मंदिर के चाहने वालों में इस फैसले से नाराजगी बन जायेगी. हालांकि इस फैसले की उम्मीद पिछले कई दिनों से की जा रही थी. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए पैनल बनाया गया जिसके अध्यक्षता जस्टिस कलीफुल्लाह करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में मध्यस्थता आदेश दे दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए पैनल गठित करने के आदेश दिए हैं. मध्यस्थों में तीन-तीन सदस्य शामिल होंगे. इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद मध्यस्थता के लिए नाम सुझाने को कहा था. सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने कहा है कि इस मामले में मध्यस्थता के लिए एक पैनल का गठन होना चाहिए.
हिंदू महासभा मध्यस्थता के खिलाफ है. वहीं निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्ष मध्यस्थता के लिए राजी है. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ही तय करे कि बातचीत कैसे हो? अभी तक अयोध्या मामले में 90,000 पन्नों की गवाही इकट्ठी की गई है. ये 90,000 पन्नें अलग-अलग भाषाओं में हैं, जिसमें अरबी, संस्कृत, फ़ारसी जैसी भाषाओं में ये गवाही हैं. इसे इंग्लिश में ट्रांसलेट करके सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया है.
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीमकोर्ट से कुछ ही देर में फैसला आने वाला है. मध्यस्थता पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने ही वाला है. अभी मिली जानकारी के मुताबिक बस कोर्ट से कुछ देर में डिसीजन आने वाला है.