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- 7 देशी, 4 विदेशी और 2...
अयोध्या। वैश्विक पर्यटन नगरी बन रही अयोध्या के चलते जनपद और रामनगरी में हो रहे विकास कार्यों के बीच यहां जनपद वासियों का मदिरा के प्रति प्रेम बढ़ रहा है, जिसका सीधा असर आबकारी के दुकानों की बिक्री के रूप में परिलक्षित हो रहा है। यही कारण रहा कि इस वित्तीय वर्ष में जिले की आबकारी की लगभग 98 फीसदी दुकानों का रिनीवल हो गया। विभाग के अधिकारियों को ज्यादा माथा-पच्ची नहीं करनी पड़ी। केवल महकमें को व्यवस्थापन के लिए देशी की 7, विदेशी की 4 और बीयर की दो दुकानों की ही नीलामी करानी पड़ी।
गौरतलब है कि शासन की ओर से वर्तमान में आबकारी की दुकानों के व्यवस्थापन के लिए रिनूअल प्रणाली लागू है। जिसके तहत अंग्रेजी, देशी और बीयर की दुकानों के गत वर्ष के लाइसेंस शुल्क में बढ़ोत्तरी लागू कर संबंधित लाइसेंसी को दुकान का रिनूअल कर दिया जाता है। पूर्व के वित्तीय वर्ष पर निगाह डालें तो बढ़े हुए लाइसेंस फीस तथा बिक्री को लेकर लाइसेंसी अपनी दुकानों का लाइसेंस रिनूअल कराने में हाथ खड़ा कर देता था, हाल यह होता था कि पूरे अप्रैल माह कई-कई चरणों में दुकानों के व्यवस्थापन के लिए लाटरी और नीलामी चलती रहती थी। देशी शराब की दुकानों के व्यवस्थापन में तो विभाग के पसीने छूट जाते थे, लेकिन इस बार नजारा बदला हुआ दिखा। आबकारी दुकानों के लाइसेंस फीस में बढ़ोत्तरी के बावजूद दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकान का हाथों-हाथ रिनूअल करा लिया। विभाग को केवल अंग्रेजी, देशी और बीयर की कुछ ही दुकानों के व्यवस्थापन के लिए मशक्क्त करनी पड़ी।
जिला आबकारी अधिकारी अतुलचंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में आबकारी की दुकानों के व्यवस्थापन में कोई खास दिक्क्त नहीं आई। अंग्रेजी शराब की 80 में से 76, देशी शराब की 222 में से 215 और बीयर की 63 में से 61 दुकानों का लाइसेंसियों ने रिनूअल करा लिया। केवल देशी की 7, विदेशी की 4 और बीयर की दो दुकानों के व्यवस्थापन में नीलामी प्रक्रिया के लिए आवेदन आमंत्रित करने पड़े।