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आखिर अयोध्या के इस मुस्लिम बुजुर्ग को क्यों मिला पद्मश्री सम्मान, दर्दनाक कहानी जानकर खुद पर आ जायेगी शर्म
अयोध्या। 71वें गणतंत्र दिवस को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इसी मौके पर भारत सरकार से सम्मानित होने वाली हस्तियों में सुमार होने वाले अयोध्या के मोहम्मद शरीफ इन दिनों चर्चा में हैं। पिछले 27 सालों से नेकी का काम कर शरीफ मोदी सरकार से पद्मश्री सम्मान पाकर काफी खुश हैं।
मोहम्मद शरीफ का कहना है की वह अब तक 3000 हिन्दू शवों व 2500 मुस्लिम शवों को अंतिम संस्कार कर चुके हैं। इसके पीछे की दर्दनाक कहानी को बयान करते हुए मोहम्मद शरीफ ने बताया कि 25 साल पहले उनके बेटे की सुल्तानपुर में हत्या कर दी गई थी। इस घटना के एक महीने बाद उन्हें इस बारे में जानकारी मिली। घटना बहुत ही दर्दनाक थी। क्योंकि वह अपने बेटे का अंतिम संस्कार तक नहीं कर सके थे।
इसके बाद उन्होंने लवारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने का बीड़ा उठाया और तब से अब तक यह काम लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि वह अब तक 5500 से ज्यादा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार अपने हाथों से कर चुके हैं। खास बात यह भी है कि शव की पहचान जिस धर्म के व्यक्ति के अनुसार होती है, उसका अंतिम संस्कार उसी के रीत रिवाज के अनुसार होता है।
Ayodhya:Mohd Sharif, who has been named for Padma Shri for cremating unclaimed bodies, says,"27 yrs ago, my son was murdered in Sultanpur&I got to know about it a month later.After that,I took this task in my hand.I've cremated 3000 bodies of Hindus&2500 bodies of Muslims so far" pic.twitter.com/2iw5Cp3gWd
— ANI UP (@ANINewsUP) January 26, 2020