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- Ayodhya: भव्य अयोध्या...
"देख लो साकेत नगरी है यही, स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही" राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की यह पक्तियां बरबस ही आकर्षित कर लेती हैं, जब हम वर्तमान अयोध्या के दिव्य स्वरूप का दर्शन करते हैं। पहले की अयोध्या और आज की अयोध्या को देखें तो हम पाते हैं कि, आज की अयोध्या पहले जैसी नहीं है। पहले जहां अयोध्या में विश्वस्तरीय सुविधाएं नहीं थीं। आधुनिक मानवीय सुविधाओं का व्यापक अभाव था। तो आज अयोध्या में भव्य एयरपोर्ट से लेकर, भव्य रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन भी हैं। किसी विकसित शहर की भांति शॉपिंग मॉल और बड़े-बड़े फाइव स्टार होटल भी अयोध्या में बसने को तैयार हैं। एक तरफ अयोध्या संकरी गलियों से मुक्त होकर चौड़ी सड़कों में तब्दील हो चुकी है तो वहीं मंदिर के उद्घाटन के बाद बढ़ने वाली भीड़ को देखते हुए कई सड़कों को फोर लेन में बदला जा रहा है। तिराहे हों या चौराहे सभी का पुनरुद्धार हो रहा है और उनको और अधिक विकसित और भव्य बनाया जा रहा है। अयोध्या के नयाघाट से लेकर सहादतगंज तक करीब 15 किलोमीटर में विकसित रामपथ के दोनों ओर बसे मकानों को एक रंग में रंगकर और उनके आकार को मंदिर जैसा बनाकर सचमुच पूरी अयोध्या को राममय किया जा रहा है। अयोध्या की विभिन्न सड़को और चौराहों के मुगलई नामों को बदलकर सनातनी महापुरुषों के नामों से अलंकृत किया जा रहा है। सच में अयोध्या को भव्य-दिव्य बनाया जा रहा है। हम तो यहां तक कह सकते हैं कि,”भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या विश्व की संदेशवाहिका है। यहां सार्वभौम मान्यताओं की श्रृंखला अनंतकाल तक परिलक्षित होती है।”
अयोध्या के संतों की मानें तो अयोध्या को भव्य बनाने में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान है। संत कहते हैं कि, चूंकि योगी आदित्यनाथ संत परंपरा के हैं और वह अयोध्या के धार्मिक महत्व को समझते हैं। न केवल योगी आदित्यनाथ ही बल्कि उनके गुरु अवैधनाथ भी राममंदिर के प्रति समर्पित रहे हैं। अवैधनाथ का तो मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वह मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। जहां अयोध्या के प्रवेश द्वार नयाघाट चौराहे का नाम मशहूर गायिका लता मंगेशकर के नाम पर कर दिया गया है तो वहीं राम मंदिर तक जाने वाले मार्ग का नाम पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम पर कल्याण सिंह मार्ग कर दिया गया है। राम मंदिर को जाने वाला मुख्य मार्ग, जो बिड़ला धर्मशाला से होकर जायेगा। वहां पर पूरे मार्ग पर केनोपी लगाई जा रही है और किनारों की दीवारों पर राम के जीवन से प्रेरित चित्रों को दीवारों पर उकेरी जा रही है।
आइए जानते हैं अयोध्या कितनी बदली है और कितनी बदलने वाली है।
* हरिद्वार के हर की पैड़ी की तर्ज पर बनाई गई अयोध्या की राम पैड़ी पहले एक नाले की तरह गंदी दिखाई देती थी,लेकिन अब इसी राम की पैड़ी पर भव्य दीपोत्सव आयोजित होता है। राम की पैड़ी पर आने वाले सरयू जल के प्रवाह को और तीव्र करके और उसमें फव्वारे लगाकर राम की पैड़ी की सुंदरता में चार चांद लगा दिया गया है। यहां हर शाम लेजर शो, लाइट शो और साउंड सिस्टम के जरिये रामकथा की आकर्षण प्रस्तुति होती है।
*अयोध्या के सभी ऐतिहासिक कुंडों और सरोवरों का जीर्णोद्धार हो रहा है। जैसे अयोध्या के प्राचीन सूरजकुंड का जीर्णोद्धार करके उसमें लाइट और साउंड सिस्टम शो का आयोजन किया जा रहा है। इसी तरह विभीषण कुंड, खजुहा कुंड, वृहस्पतिकुंड ,दंतधावन कुंड, अग्निकुंड, विद्याकुंड की भी गरिमा लौट रही है। ये पर्यटन का केंद्र बन चुके हैं। आदि ऐसे कई कुंडों को विकसित करके सुंदर बनाया जा रहा है।
*राममंदिर के परिसर की बात करें तो करीब 100 एकड़ के विस्तृत परिसर में मंदिर के अलावा धर्मशाला, चिकित्सालय,ग्रन्थालय,सरोवर और कई अन्य प्रकार की सुविधाओं से सुसज्जित भवनों का निर्माण हो रहा है।राम मंदिर की लंबाई- 360 फीट, चौड़ाई- 235 फीट और ऊंचाई- 161 फीट है। मंदिर में तीन तल होंगे, प्रत्येक तल की ऊंचाई-20 फीट होगी। मंदिर में एक शिखर एवं पांच मंडप होंगे। मन्दिर के गर्भगृह में श्रीराम बाल रूप में विराजमान होंगे। परिसर में अपशिष्ट पदार्थों का समुचित प्रबंध होगा हाईटेक प्रकाश की व्यवस्था, भूमिगत जल प्रबंधन,त्रिस्तरीय वृक्षारोपण, पुष्पवाटिका व नक्षत्रवाटिका बनेगा। बहुद्देशीय पार्किंग सुविधा,सुरक्षित अमानती घर,सौर ऊर्जा पटल, ऊर्जा उत्पादन केंद्र की भी सुविधा होगी। बैंक, एटीएम, आवश्यक जनसुविधाएं भी होंगी। गोशाला, यज्ञशाला, तीर्थयात्री केंद्र, रामलीला केंद्र, थियेटर व प्रोजेक्शन थियेटर का भी निर्माण किया जाएगा।
*नयाघाट स्थित लता मंगेशकर चौक पर लगा वीणा हो या महोबरा बाजार में स्थापित चूड़ा या फिर सुग्रीव किला पर स्थापित जटायु की प्रतिमा सब मन को मोह ले रही हैं। इसी तरह अयोध्या के लगभग सभी चौराहों पर मूर्तियों और राम आधारित स्मृतियों का निर्माण किया जा रहा है।
*नयाघाट से लेकर सहादातगंज तक बने मार्ग को जो रामपथ कहलाता है। यह मार्ग कभी 40 फीट चौड़ा हुआ करता था लेकिन अब यह 80 फीट हो गया है। इस मार्ग पर सोलर लाइट व सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं। मार्ग के डिवाइडर पर पेड़ लगाए जा रहे है। यहां पर इलेक्ट्रिक बसों के लिए बस स्टॉप और पांच स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं,जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने में सुविधा होगी।
*नयाघाट से लेकर हाईवे चौराहे तक का पूरा मार्ग जो धर्मपथ कहलाता है। करीब 30 खंभों पर सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं। धर्मपथ के दोनों ओर की पर दीवारों पर लिखे रामकथा के प्रसंग अयोध्या की महत्ता को प्रदर्शित करेंगे। इस सम्पूर्ण मार्ग को फोरलेन में तब्दील कर दिया गया है।
*नव्य अयोध्या में मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जा रही है। टेढ़ीबाजार चौराहे पर दो व कौशलेश कुंज पर एक मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। यहां पर आने वाले श्रद्धालु अपने चारपहिया व दो पहिया वाहन को पार्क कर सकेंगे तो वहीं अयोध्या की चौड़ी हो चुकी गलियों को भी संवारा जा रहा है। 73 करोड़ की लागत से रामनगरी के 15 वार्डों की गलियों को सौर ऊर्जा से प्रकाशित करने की योजना पर काम शुरू हो चुका है जो जल्दी ही मूर्त रूप ले लेगा।
*अयोध्या की प्राचीन व समृद्ध स्थापत्यकला और उसकी व्यापकता के गवाह मठ-मंदिरों की भी आभा लौट रही है। करीब 65 करोड़ की लागत से रामनगरी के 37 अतिप्राचीन मंदिरों का सुंदरीकरण कराया जा रहा है। अगले कुछ ही महीनों में अयोध्या के ये मंदिर रामभक्तों को आकर्षित करते नजर आएंगे और रामभक्त इन मंदिरों का दर्शन कर पाएंगे।
*नयाघाट स्थित रामकथा संग्रहालय जो वर्षों से उपेक्षित पड़ा हुआ था। अब इसे श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ले लिया है। अब तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इसका नए सिरे से सुंदरीकरण कराने जा रहा है। यहां पर मंदिर आंदोलन का इतिहास दर्शाया जाएगा। यहां अन्य सांस्कृतिक व धार्मिक गतिविधियां भी संचालित की जायेंगी।
* अयोध्या स्थित अयोध्या शोध संस्थान का नाम भी सरकार ने बदल दिया है। अब इसे अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के नाम से जाना जाएगा। 17 करोड़ की लागत से इसको पुनर्विकासित करने का काम किया जा रहा है। यहां पर भगवान राम से जुड़े साहित्य पर अध्ययन कार्य होंगे। रामलीला से जुड़े हुए लोगों को यहां पर रोजगार दिया जाएगा। शोध संस्थान में विश्व के विभिन्न भाषाओं में रचित रामायण पर आधारित ग्रंथों, पुरातन परंपरा के वैदिक मंत्रों और इन पर लिखे गए विभिन्न टीकाओं पर अनुसंधान कार्य भी होगा। यहां पर देश व विदेश के शोध छात्रों को भी जोड़ा जाएगा।
*अयोध्या में उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद सबसे अधिक 3 हजार करोड़ रुपए ग्रीन फिल्ड टाउनशिप विकसित करने के लिए खर्च कर रहा है. सरकार की यह परियोजना मार्च 2024 तक पूरी होनी है। बताया जा रहा है कि अभी तक इस परियोजना में करीब 90 प्रतिशत भूमि खरीदी जा चुकी है। और योजना को मूर्त रूप देने का काम जोर शोर से शुरू होने की ओर अग्रसर है।
*योगी सरकार का लक्ष्य अयोध्या को एक वैश्विक नगरी के रुप में स्थापित करने का है। इसी को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) भी अयोध्या में कई हजार करोड़ की परियाजनाएं को चला रही है। NHAI सड़कों के निर्माण पर करीब 12 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इसमें चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 6657 करोड़ और 5924 करोड़ की लागत से साढ़े 67 किमी लंबा अयोध्या बाईपास भी बनाया जा रहा है।
*उत्तर प्रदेश सरकार की विकास परियोजनाओं में, अयोध्या बाईपास (रिंग रोड) का निर्माण, सालारपुर रेलवे स्टेशन टर्मिनल का निर्माण, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना जिला अयोध्या, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना जिला अंबेडकरनगर और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना इसमें अम्बेडकरनगर जनपद भी शामिल हैं। यह माना जा रहा है कि सरकार द्वारा चलाए जा रही अन्य कई परियोजनाएं साल 2024 से पहले ही मूर्त रूप ले लेंगी।
*अयोध्याधाम में भव्य राममंदिर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में होने वाली भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने श्री अयोध्याधाम तीर्थ विकास परिषद के गठन की नींव रखी है। इसके बन जाने से अयोध्या दर्शन को आने वाले भक्तों को काफी लाभ प्राप्त होगा। यहां के सभी पर्व, त्योहार और यहां की व्यवस्थाओं को सुनियोजित ढंग से आयोजित करने में सहयोग मिलेगा। इस परियोजना को स्थानीय स्तर के साथ ही साथ राज्य स्तर और केंद्र सरकार के सहयोग से आगे बढ़ाया जाएगा।
*राज्य सरकार ने यूपी के अन्य जिलों से अयोध्या की ओर जाने वाली सड़कों पर 6 भव्य धनुषाकार प्रवेश द्वार स्थापित करने की योजना बनाई है। लखनऊ, गोरखपुर, गोंडा, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर और रायबरेली से अयोध्या जाने वाली 6 अलग-अलग सड़कें हैं। प्रत्येक गेटवे परिसर का नाम रामायण के पात्रों के नाम पर रखा जाएगा और इसमें योग केंद्र, फूड कोर्ट, डॉरमेट्री आदि जैसी पर्यटन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, निजी होटल श्रृंखलाएं अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के साथ महलों को विरासत संपत्तियों में बदलने के लिए बातचीत कर रही हैं ताकि संभ्रांत पर्यटकों को शाही अनुभव प्रदान किया जा सके।
*नव्य और भव्य अयोध्या के लिए एक टाउनशिप विकसित की जा रही है। जिसका क्षेत्रफल 1435 एकड़ का होगा । इस नए टाउनशिप में 30 राज्यों के लिए अतिथि गृह का निर्माण होगा। इसके अलावा इस टाउनशिप में 80 अंतरराष्ट्रीय भवन होंगे जिन्हें अन्य देश अपने लिए ले सकेंगे। आवास विकास परिषद् के अधिकारियों ने बताया की अभी तो इस टाउनसिप की आधारशिला भी नहीं रखी गई है, और अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और कर्नाटक ने अपने भवन के लिए संपर्क भी कर लिया है। इस नए टाउनशिप में 10 हज़ार रेजिडेंशियल प्लॉट्स भी होंगे। ये प्लाट करीब 150 से 300 स्क्वायर मीटर तक होंगे। इस टाउनशिप को वैदिक मापदंड पर बनाया जायेगा जिसमे कोई भी मकान दक्षिण मुखी नहीं होगा। यहां होटल, धर्मशाला, मठ, सामाजिक संस्थान, व्यावसायिक भवन, स्कूल, कॉलेज,अस्पताल, सामुदायिक भवन भी निर्मित होंगे।
*अयोध्या के इस नए टाउनशिप में प्रवेश और निकासी के लिए 4 मुख्य द्वार होंगे, जिनकी सड़कें 100 मीटर चौड़ी होंगी। टाउनशिप के अंदर भी जो सबसे कम चौड़ी सड़क होगी वो भी 24 मीटर से कम नहीं होगी। पूरी टाउनशिप को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा. जिससे बिजली की अधिकतर जरूरत सोलर एनर्जी से पूरी हो. इसके अलावा 15 फीसदी क्षेत्र में ग्रीनरी जोन होगा। इसे वैदिक पद्धति से बनाया जा रहा जिसमें ब्रह्मस्थान से राममंदिर की ध्वजा साफ नज़र आएगी।
*इस नए टाउनशिप से राम मंदिर की दूरी 6 किलोमीटर, रेलवे स्टेशन 3 किलोमीटर और हवाई अड्डा 8 किलोमीटर की दूरी पर होगा। इस टाउनशिप में जो होटल, सामुदायिक भवन तैयार होंगे उनमें एक समय पर 40 हज़ार लोगों के रुकने की व्यवस्था हो रही है। ये टाउनशिप दो चरण में बसाई जा रही है। इसमें पहला चरण 588 एकड़ का है. इसमें से करीब 90 प्रतिशत जमीन खरीदी जा चुकी है।
*चूंकि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो जायेगी। इसको देखते हुए अयोध्या में टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। अयोध्या में कुल 6 स्थानों पर टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। ये टेंट सिटी आधुनिक सुविधाओं से लैश होगी। यहां रामभक्तों को फाइव स्टार होटल जैसी सुविधा मिलेगी। अयोध्या में गुप्तारघाट, ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा, रामकथा संग्रहालय के पीछे, बाग बिगेसी, कारसेवकपुरम और मणिरामदास छावनी के परिसर में टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। इन सभी टेंट सिटी में करीब 90000 भक्तों के रहने की सुविधा प्राप्त होगी। ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा के पास भव्य टेंट सिटी लगभग बनकर तैयार हो चुका है। गुजरात की कंपनी प्रवेज की ओर से टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है। 8500 वर्ग मीटर में निर्मित यह टेंट सिटी किसी बडे़ फाइव स्टार होटल से कम नहीं लगती है। इसके निर्माण में अयोध्या की संस्कृति की झलक भी दिखती देती है। भव्य और नव्य अयोध्या में यह टेंट सिटी आकर्षण का केंद्र बनेगी।
इस प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार की अन्य कई परियोजनाओं के द्वारा अयोध्या के विकास में चार चांद लग रहे हैं। बहुत जल्द ही हमें एक नव्य,भव्य और विकसित अयोध्या के दर्शन होंगे।