अयोध्या

अयोध्या: भाजपा के लिए अपने गढ़ को बचाने की चुनौती है, प्रमुख प्रतिद्वंद्वी एक ही जाति के

Shiv Kumar Mishra
9 May 2023 11:46 AM IST
अयोध्या: भाजपा के लिए अपने गढ़ को बचाने की चुनौती है, प्रमुख प्रतिद्वंद्वी एक ही जाति के
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41 गांव के मतदाता इस बार हैं भाग्य विधाता

अयोध्या नगर निगम चुनाव में मतदान की तिथि 11 मई समीप आती जा रही है और प्रत्याशियों की मतों की जोड़- तोड़ जारी है। प्रमुख प्रतिद्वंद्वी एक ही जाति के हैं और दो और पार्टियों ने पिछड़ों पर दांव खेला है।राजनीति की गणित में हमेशा यहां भाजपा का पलड़ा भारी रहा है,भले ही जातीय गणित बनता बिगड़ता रहा हो। भाजपा के अलावा किसी दल के पास खोने को कुछ नहीं है। वह अपने ही गढ़ में पसीने-पसीने है।

नगर निगम के मुख्य कंडीडेट में महंत गिरीशपति तिवारी भाजपा,डाक्टर आशीष पांडेय सपा,राममूर्ति यादव बसपा,इंजीनियर कुल भूषण साहू आप, अनीता पाठक निर्दल और कांग्रेस से प्रमिला राजपूत मैदान में हैं।

पिछले नगर निगम चुनाव में भाजपा भी कांटे की टक्कर में बमुश्किल जीती थी। पिछले चुनाव से इस चुनाव में परिदृश्य अलग है क्योंकि नगर निगम में शामिल 41 ग्राम पंचायत और राजस्व गांव का गणित अलग है। इसी समीकरण को देखते हुए दो दलों ने पिछड़ा वर्ग का प्रत्याशी दिया है। ये 41 गांव के मतदाता इस बार भाग्य विधाता नजर आ रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी राममूर्ति यादव और समाजवादी पार्टी का सारा जोर इन 41 गांवों में लगा हुआ है और भाजपा अपने पुराने वोट संभालने में जुटी हुई हैं।

नगर निगम का क्षेत्र और आबादी का मानक पूरा करने के लिए निगम में मऊ यदुवंश पुर, कुशमाहा, माझा कुढ़ा केशवपुर, कुढ़ा केशवपुर उपरहार, माझा आशिफबाग, बनबीरपुर, अब्बूसराय, गददौपुर, खोजनपुर, पहाड़गंज, उसरू, पलिया शाहबदी, हांसापुर, चांदपुर हरवंश, डाभासेमर, गोपालपुर, काजीपुर जमीन मलिकपुर, मलिकपुर, गंजा, पूरे हुसैन खां, जनौरा, सुल्तानपुर बछड़ा, कोरखाना, भीखापुर, नंदापुर, धर्मपुर सहादत, मिर्जापुर माफी, मिर्जापुर उर्फ शमशुद्दीनपुर, शहनवां, देवकाली, शाहजहांपुर, रानोपाली, आशापुर, तकपुरा, मक्खापुर, हैबतपुर, शाहनेवाजपुर उपरहार, आशिफबाग पाठकपुर उपरहार, माझा बरहटा, जियनपुर व माझा शाहनेवाजपुर गांव सम्मिलित किए गए। ये सभी नगरीय क्षेत्र की सीमा से सटे हैं और अधिकांश में नगरीय आबादी का विस्तार भी तेजी से हुआ है, नई वैध अवैध कालोनियों ने भी इनकी बसावट को बदल दिया है। यही नहीं जनसांख्यिकी भी बदल गई है। यही कारण है कि भाजपा को उतना खतरा नहीं लग रहा है, जितना दिखाया जा रहा है।

पिछले विधानसभा सभा चुनाव में किसी तरह से जीती है। ये वही क्षेत्र हैं, जो अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में भी हैं। और विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने लगातार जीत का क्रम जारी रखा है। फिर भी एक बार भाजपा यहां हार चुकी है और पिछले विधानसभा सभा चुनाव में किसी तरह से जीती है। इस चुनाव में भाजपा में पक्ष में लामबंद होकर सड़क पर उतरी जो टोली उसके लिए जीवन दायिनी साबित हुई वह इस बार सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन करती नहीं नजर आ रही है।

नगरीय क्षेत्र में भाजपा का प्रायः दबदबा रहा है, फिर भी बीते दिनों के परिणाम चौंकाने वाले हैं। लंबे शासन काल में सभी खुश हैं यह कहा नहीं जा सकता। चुनावी रण में नए समीकरण इसलिए भी प्रभावी होंगे, क्योंकि वर्ग विशेष की आबादी इन क्षेत्रों में खासी है जो दूसरे दलों के वोट बैंक माने जाते हैं। नए परिसीमन और क्षेत्र विस्तार का चुनाव में प्रभाव व्यापक होगा, क्योंकि अगले वर्ष ही लोकसभा के चुनाव हैं।

भले ही यह सारे क्षेत्र लोकसभा क्षेत्र का पहले भी हिस्सा रहे हैं, ताजा नतीजे का प्रभाव भविष्य पर भी पड़ेगा। भाजपा के लिए अपने गढ़ को बचाने की चुनौती है तो कई बार अयोध्या और फैजाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर रही कांग्रेस को जमीन की तलाश है। बसपा अपना आधार वोट बचाने का संघर्ष कर रही है। विपक्षी मतों का बंटवारा और ध्रुवीकरण दोनों ही दशा में नतीजा बदल जाएगा यह तय है।

जनपद में नगर निकाय चुनाव का ठीक पास है। चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने बैठकें व प्रशिक्षण पूरी हो चुकी है। निकाय चुनाव को लेकर जिला प्रशासन का मंथन जारी है। जनपद में वर्ष 2023 में हो रहे नगर निगम और नगर पंचायतों के चुनाव में इस बार महिलाओं से अधिक पुरुष मतदाताओं की भागीदारी रहेगी। जिसे लेकर प्रत्याशियों को पुरुष मतदाताओं की अधिक मिन्नतें करना पड़ रहा है।

अयोध्या जनपद में द्वितीय चरण में 11 मई को वोट डाले जाएंगे और 13 मई को मतगणना के बाद नतीजे आएंगे। पूरे जनपद में लगभग पांच लाख मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर नगर निगम और नगर पंचायतों के पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे । जिले में एक नगर निगम, एक नगर पालिका और नगर पंचायतों में चुनाव होने जा रहे हैं। अयोध्या जनपद में नगर निगम गठित होने के बाद यह दूसरा चुनाव है। अयोध्या जनपद में कुल 499742 मतदाता हैं। इनमें 261095 पुरुष और 238647 महिला मतदाता शामिल हैं। नगर निगम अयोध्या में 332290 मतदाता मतदान करेंगे जिसमें 1 लाख 74 हजार 975 पुरुष व 1 लाख 57 हजार 315 महिलाएं शामिल हैं।

चुनाव को निर्विघ्न रुप से संपन्न कराने के लिए नगर निगम ,नगरपालिका व नगर पंचायतों में कुल 169 वार्ड और 169 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। जबकि 467 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। नगर निगम में 60 वार्डों में चुनाव होगा। नगर निगम क्षेत्र में 91 मतदान केंद्र और 279 मतदान स्थल बनाए गए हैं। नगर निगम का चुनाव ईवीएम से होगा जबकि नगर पालिका परिषद रुदौली और छह अन्य नगर पंचायतों में बैलेट पेपर से मतदान कराया जाएगा।

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