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अयोध्या:हुआ राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान, ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के लिए ये नाम सबसे आगे
अयोध्या। बुधवार को बजट सत्र का पांचवे दिन की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का ऐलान कर दिया है। इस ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट होगा। ट्रस्ट का ऐलान होते ही लोकसभा में जय श्री राम के नारे भी लगे।
उधर ट्रस्ट के ऐलान के साथ ही इसके अध्यक्ष पद को लेकर रेस शुरू हो गई है. इसमें सबसे ऊपर नाम राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का चल रहा है. अयोध्या के साधु-संतों से लेकर विश्व हिंदू परिषद की तरफ से उम्मीद जाहिर की जा रही है ट्रस्ट का अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को दिया जा सकता है इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद के प्रान्तीय मीडिया प्रभारी शरद कहते हैं कि ट्रस्ट की घोषणा संसद के अंदर पीएम मोदी ने कर दी है. सबकी आशा है कि राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ट्रस्ट के अध्यक्ष हो सकते हैं।
हालांकि फैसला सरकार को ही करना है. उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं रामलला का भव्य और दिव्य मंदिर सामने आएगा. वहीं ट्रस्ट में सदस्यों को लेकर उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने वाले सभी लोगों को ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए. शरद ने कहा कि संतों की इस आंदोलन में बड़ी भूमिका रही है. ऐसे तमाम संत हैं, जो ट्रस्ट में शामिल हो सकते हैं. लेकिन ट्रस्ट का दायरा तय करने का काम गृह विभाग का है।
इधर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द ट्रस्ट बना दें और मंदिर निर्माण शुरू हो. हमें खुशी है कि सरकार ने ट्रस्ट बनाने का ऐलान कर दिया है. उम्मीद है जल्द ही इसका गठन कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निर्माण शुरू हो तो कई ऐसे रामभक्त हैं, जो इसमें धन देने को तैयार बैठे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि करोड़ों देशवासियों की तरह ही मेरे हृदय के करीब इस विषय पर बात करना मैं अपना सौभाग्य समझता हूं। ये विषय श्रीराम जन्म भूमि से जुड़ा हुआ है। इसके बाद पीएम ने संसद में राम मंदिर ट्रस्ट का एलान किया। उन्होंने बताया कि इस ट्रस्ट का नाम 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' होगा। पीएम ने कहा कि यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए किसी तरह का निर्णय लेने कि लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।
यह था अदालत का फैसला
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसले में एक सदी से अधिक पुराने मामले का पटाक्षेप करते हुए अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और साथ में व्यवस्था दी कि पवित्र नगरी में मस्जिद के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाए।
अदालत ने कहा था कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन अब केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी, जो इसे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सौंपेंगे. पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए.चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मत फैसला दिया और कहा था कि हिन्दुओं का यह विश्वास निर्विवाद है कि संबंधित स्थल पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था तथा वह प्रतीकात्मक रूप से भूमि के मालिक हैं.