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- Ayodhya: रामनवमी पर...
Ayodhya: रामनवमी पर सूनी रहीं अयोध्या की गलियां, गाड़ियों के डायवर्जन के चलते नहीं आ सके श्रद्धालु
Ayodhya: "भए प्रगट कृपाला दीन दयाल कौशल्या हितकारी"..… आज पूरा देश जब रामजन्मोत्सव मना रहा है। देश के कोने-कोने में बस राम-राम की ही गूंज मची हुई है। राम की प्रति ऐसी भक्ति स्वाभाविक ही है। क्योंकि, आखिरकार 500 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद रामलला अपने निज निवास में पधारे हैं, और अपने निज निवास में उनका यह पहला रामजन्मोत्सव है। लेकिन इन सब से इतर अगर हम राम के गृहनगर अयोध्या की बात करें तो यहां पर रामजन्मोत्सव थोड़ा सा अलग दिखा। पहले जहां लाख-लाखों की भीड़ (श्रद्धालु) राम प्राकट्य को देखने के लिए आतुर रहती थी। वहीं आज महज कुछ लाख की ही भीड़ रामलला का दीदार कर पाई।
प्रतिबंधों के मकड़जाल में जकड़ी अयोध्या
श्रद्धालुओं की इतनी कम उपस्थिति इसलिए रही क्योंकि, जबसे अयोध्या का नव निर्माण हुआ है और राम मंदिर बना है। तबसे सुरक्षा के इतने व्यापक और हद से ज्यादा प्रबंध कर दिए गए हैं की, खासकर ग्रामीण श्रद्धालुओं को अयोध्या आने में परेशानी होने लगी है। पहले जहां ग्रामीण और आसपास क्षेत्रों के श्रद्धालु ट्रॉली- ट्रैक्टरों से भर-भरकर अयोध्या आते थे, तो वहीं आज उनके ट्रैक्टरों को अयोध्या से 10 किलोमीटर पहले ही रोक दिया जा रहा है। जिससे उनको काफी असुविधा हो रही है और वह अयोध्या नहीं पहुंच पाए। श्रद्धालुओं की इतनी कम उपस्थिति में रामजन्मभूमि ट्रस्ट की भी भूमिका रही है, क्योंकि ट्रस्ट ने पहले ही घोषणा कर दी थी की रामनवमी में श्रद्धालु अयोध्या आने से बचें, घर पर ही रामजन्मोत्सव मनाएं। ट्रस्ट की घोषणा का व्यापक असर पड़ा, और उत्तर प्रदेश के बाहर दूसरे राज्य के श्रद्धालु इसी आशंका में नहीं आ पाए की अयोध्या में बहुत ही ज्यादा भीड़ होगी और उनको रामलला का सुगम दर्शन नहीं हो पाएगा।
रूट डायवर्जन रहा महत्वपूर्ण कारण
भारी भीड़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अयोध्या आने वाले सभी मार्गों पर रूट डायवर्जन कर दिया था। सभी मार्गों पर करीब अयोध्या से 20 से 30 किलोमीटर पहले ही भारी वाहनों को रोककर दूसरे मार्गों से बाहर भेजा जा रहा था। जिसकी वजह से ज्यादातर श्रद्धालु अयोध्या नहीं आ सकें। अयोध्या में ही रामजन्मभूमि से 3 किलोमीटर पहले ही उदया पब्लिक स्कूल चौराहे से ही सारे वाहनों को बंद कर दिया गया था। जिसकी वजह से कड़ी धूप में श्रद्धालुओं को पैदल ही आकर रामलला का दर्शन करना पड़ा।
व्यापारी दिखें परेशान
अनुमान के मुताबिक भीड़ न होने से श्रद्धालु काफी परेशान दिखें। उनके व्यापार पर भीड़ कम होने का असर देखा गया। दुकानों पर लोगों की भीड़ नदारद दिखी तो होटल भी अनुमान के मुताबिक नहीं भर सकें। एक होटल व्यसायी रवि ने बताया कि, लगभग 7 दिनों से ऐसी स्थिति बनी हुई है। जबसे ट्रस्ट ने रामनवमी पर श्रद्धालुओ से न आने की अपील की है तबसे श्रद्धालु बहुत कम आ रहे हैं और हमारे होटल के कमरे सूने पड़े हुए हैं। टेढ़ी बाजार चौराहे पर जलपान व स्वास्थ्य शिविर लगाए लवकुश ने बताया कि पूरे दिन महज कुछ ही श्रद्धालु आए और जलपान किएं। स्थानीय निवासियों के मुताबिक रामजन्मोत्सव पर इतनी कम भीड़ पहले कभी नहीं देखी गई।