अयोध्या

धड़ल्ले से चल रहा फर्जी बिना मान्यता स्कूलों का गोरखधंधा, खामोश बैठी योगी सरकार

Shiv Kumar Mishra
12 July 2023 8:24 AM IST
धड़ल्ले से चल रहा फर्जी बिना मान्यता स्कूलों का गोरखधंधा, खामोश बैठी योगी सरकार
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Fake unrecognized schools running rampant, Yogi government sitting silent

अयोध्या: बिना मान्यता के संचालित हो रहे विद्यालयों पर अब सख्ती से लगाम कसी जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक ने इसके लिए सभी नोडल अधिकारियों से प्राथमिकता के तहत अपने-अपने तहसील क्षेत्र में बिना मान्यता के संचालित हो रहे विद्यालयों की सूची तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा गया है।

बीकापुर तहसील क्षेत्र में प्राथमिक से लेकर बारहवीं तक दर्जनों विद्यालय बिना मान्यता के चल रहे हैं,कोई मदरसे की मान्यता लेकर स्कूल चला रहा है तो कोई आठवीं की मान्यता पर 12वीं तक क्लासेस संचालित कर रहा है।

तहसील क्षेत्र के कोछाबाजार, हैदरगंज, बेरु गंज,चौरेबाजार,खजुरहट,तारुन, नन्सा बाजार,कनावा, मोतीगंज क्षेत्र में कुछ इसी तरह दर्जनों फर्जी स्कूलों का संचालन जारी है। कक्षा 1 से 8 तक की मान्यता है. लेकिन क्लास का संचालन 12 तक हो रहा हैं, जो नियम विरुद्ध है।

इसमें नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है और कोई नहीं जानता कि इन बच्चों के बोर्ड के फार्म कहां से भरे जा रहे हैं।

मजे की बात तो यह है कि इन विद्यालयों के बच्चों का प्रवेश किसी मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालय में दिखाया जाता है, लेकिन कक्षाएं कहीं और चलती हैं।कई विद्यालय ऐसे हैं जिनकी मान्यता आठवीं तक की है, लेकिन दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं।

शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो कई प्रभावशाली लोग शिक्षा के इस गोरखधंधे में शामिल हैं। यही कारण है कि बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग सब कुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं। जब ऊपर से कार्रवाई का निर्देश आता है तो एकाध स्कूलों पर छापा मारकर खानापूर्ति करके उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी जाती है। कुछ दिन बाद शिक्षा की ये दुकानें फिर सज जाती हैं।

बीकापुर क्षेत्र में ऐसे बेलगाम पनप रहे फर्जी बेसिक और माध्यमिक स्कूलों पर अंकुश लगा पाने में विभाग अक्षम साबित हो रहा है।

निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई)-2009 की धारा-18 (ए) में स्पष्ट प्रावधान है कि बिना मान्यता लिए कोई भी स्कूल संचालित नहीं किया जाएगा। यदि ऐसे स्कूल संचालित पाए जाएं तो उन पर कार्रवाई कर जुर्माना वूसला जाए. यह दंड एक लाख रुपए तक हो सकता है।

डीआईओएस डॉ. राजेश कुमार आर्या ने सूची बनाने में हो रही देरी पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी हालत में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।

राइट टू एजूकेशन 2009 के तहत यदि कोई निजी स्कूल बिना मान्यता के चलता पाया जाता है तो संचालक के विरुद्ध सीधे मुकदमा दर्ज कर जुर्माना वसूले की कार्रवाई का प्रावधान है। इसके बावजूद जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारी इसे लेकर पूरी तरह उदासीन बने हैं।

बीते अप्रैल माह में भी तात्कालिक जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी ब्लॉक व तहसील के नोडल अधिकारियों को पत्र जारी कर जिले में बिना मान्यता संचालित माध्यमिक विद्यालयों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश था। इसके बावजूद अभी तक किसी भी नोडल अधिकारी ने ऐसे विद्यालयों की कोई सूची नहीं बनाई है। इससे नाराज होकर ही नवागत डीआईओएस ने सभी नोडल अधिकारियों को रिमांइडर जारी कर शीघ्र ऐसे अमान्य स्कूलों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया हैं।

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