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फर्जी मार्कशीट के बूते 11 वर्षों से बनी रोजगार सेवक, कमिश्नर ने किया जब ये सवाल तो फिर .....
अयोध्या: जिले के हैरिंग्टनगंज विकास खंड में फर्जी मार्कशीट के बल पर एक महिला 11 वर्षों से रोजगार सेवक के पद पर जमीं है। मामले की शिकायत हैरिंग्टनगंज की जिला पंचायत सदस्य केशपती ने मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों से की है। शिकायत के बाद जब प्रकरण की हुई जांच में फर्जी शैक्षिक अभिलेखों की बात सामने आई। इतना सब के बाद भी रोजगार सेवक को नहीं हटाया जा रहा है।
जांच के बाद कार्रवाई न होने पर मंडलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि प्रकरण की जांच में जब मामला फर्जी साबित हो गया तो रोजगार सेवक के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है।
इस मामले के बारे में जब हैरिंग्टनगंज बीडीओ अनीश मणि पांडे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम रेवना के रोजगार सेवक के शैक्षिक अभिलेखों की जांच पूर्ण हो चुकी है। जल्द ही संविदा समाप्त करने की कार्यवाही पूर्ण हो जायेगी।
बताते चलें कि हैरिंग्टनगंज विकास खंड के ग्राम रेवना में ग्यारह साल पहले वर्ष 2013 में रोजगार सेवक की तैनाती हुई थी। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के कार्यालय पत्रांक 3244 के पत्र में 15 फरवरी 2013 से रोजगार सेवक के रूप में नीलम पुत्री बलजोर को ग्राम रेवना काम करना शुरू किया।
शिकायत कर्ता ने बताया कि तभी से रोजगार सेवक का कार्य नीलम के पति पवन कुमार करते आ रहे हैं। शिकायत कर्ता जिला पंचायत सदस्य केशपती ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री व डीएम सहित अन्य अधिकारियों से की है। जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई है। जिसकी जांच रिपोर्ट में हैरिंग्टनगंज खंड विकास अधिकारी ने जांच में लिखा कि रेवना की ग्राम रोजगार सेविका नीलम शैक्षिक अभिलेखों की जांच कराने हेतु आनाकानी कर रही है।वह कार्यालय में उपस्थित नहीं हो रही है। उसके पति पवन कुमार ने कहा कि सारे अभिलेख बैंक की ऋण पत्रावली में जमा हैं। फिर बताया कि अभिलेख कहीं खो गए हैं। यही नहीं उन्होंने लिखा है कि शैक्षिक अभिलेखों की जांच विद्यालयों से भी कराई गई। जिसमें फर्जीवाड़ा साबित हो रहा है। जांच अधिकारी ने रोजगार सेविका के घर पर भी नोटिस चस्पा की है।
वहीं प्रकरण की जांच में फर्जीवाड़े की बात तस्दीक होने पर पुनः जिपं सदस्य केशपती ने मंडलायुक्त से मिलकर रोजगार सेविका को कार्यमुक्त न किये जाने की शिकायत की। जिसके बाद कमिश्नर गौरव दयाल ने नाराजगी जताते हुए सीडीओ से जांच प्रक्रिया में मामला फर्जी साबित होने के बाद भी रोजगार सेविका को न हटाए जाने का कारण पूछा है। वहीं शिकायत कर्ता केशपती का आरोप है कि ब्लॉक कर्मियों व कुछ अधिकारियों की मिली भगत से मामले को ठंडे बस्ते में डालने का कुचक्र रचा जा रहा है।
वहीं हैरिंग्टनगंज के खंड विकास अधिकारी अनीश मणि पाण्डेय ने बताया कि मामले का जल्दी ही निस्तारण कर दिया जाएगा। हालांकि जांच पूरी होने के बाद देरी क्यों की जा रही है। इस बात का सीधा जवाब उन्होंने नहीं दिया है।