
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- अयोध्या
- /
- अयोध्या में रेल ट्रैक...
अयोध्या में रेल ट्रैक के हुक और बोल्ट मिले गायब, कहीं बड़ी आतंकी साजिश तो नहीं!

अयोध्या। विधानसभा चुनाव के बीच, गणतंत्र दिवस से ठीक पहले रामनगरी में बड़ी रेल दुर्घटना का षड्यंत्र सामने आया है। यहां रेल पुल के तीन हुक और तीन बोल्ट रातोंरात खोल दिए गए। स्लीपर और पटरी को पुल से जोड़कर रखने में ये बोल्ट अत्यन्त महत्वपूर्ण होते हैं। रविवार सुबह जब तक रेल कर्मचारियों की नजर पड़ी तब तक तीन प्रमुख ट्रेनें इसी पुल से धड़धड़ाती हुई गुजर गईं। इस घटना से रेलवे अधिकारी सकते में हैं।
सीनियर सेक्शन इंजीनियर एल बराइक ने इस कृत्य से रेल हादसे की आशंका व्यक्त करते हुए रेलवे सुरक्षा बल के थाना अयोध्या कैंट एवं कोतवाली अयोध्या में तहरीर दी है। आरपीएफ ने बोल्ट चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। रेल पथ की निगरानी से जुड़े एक जिम्मेदार अधिकारी ने इसके पीछे बड़े षड्यंत्र की आशंका जताई है।
रविवार सुबह करीब बजे एक रेल कर्मी ने देखा कि अयोध्या के जालपा नाला पर बने रेल पुल संख्या 297 पर बोल्ट लापता हैैं। उसने तत्काल सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) बराइक को इसकी सूचना दी। एसएसई के अनुसार, बोल्ट को कोई आसानी से नहीं खोल सकता है। इस घटना को सामान्य चोरी नहीं माना जा सकता है। यदि दो-तीन बोल्ट और लापता हो जाते तो ट्रेन भी पलट सकती थी।
जोखिम से अनभिज्ञ ट्रनें गुजरींः रात 2:30 बजे के करीब ओखा-गुवाहाटी एक्सप्रेस, उसके बाद साबरमती व मरुधर एक्सप्रेस इसी पुल से होकर गुजरी थीं। कोतवाल अयोध्या देवेंद्र पांडेय ने बताया कि अधिकार क्षेत्र रेलवे सुरक्षा बल का होने की वजह से इस प्रकरण में आरपीएफ ने मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले की संयुक्त जांच आरपीएफ और अयोध्या पुलिस कर रही है। जांच के बाद पता चल सकेगा कि बोल्ट चोरी करने के पीछे क्या कारण है। रेलकर्मी हर सेक्शन पर सतर्क हैं। -सुरेश कुमार सपरा, डीआरएम, लखनऊ।
पूर्वोत्तर रेलवे के रेल पथ निरीक्षक (पीडब्ल्यूआइ) के अनुसार प्रथम दृष्टया किसी की शरारत प्रतीत हो रही है। किसी ने यह कार्य अंधेरे में किया है। उसे यह भी पता है कि कौन ट्रेन कितने बजे निकलती है? क्योंकि ट्रेन आने-जाने के दौरान यह कार्य संभव नहीं। इसमें औजार और समय भी लगता है। ध्यान न दिया गया होता तो अप्रिय घटना हो सकती थी।
