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कैसा होगा अयोध्या का राम मंदिर, भव्य और शानदार तस्वीरें आई सामने
राम की नगरी अयोध्या में इतिहास रचे जाने में अब कुछ घंटों का ही समय बचा है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. 1989 में प्रस्तावित मंदिर के मॉडल में बदलाव कर इसे और भव्य बना दिया गया है. पहले मंदिर के मुख्य शिखर की ऊंचाई 128 फीट थी. अब यह 161 फीट होगी. तीन की जगह पांचों गुंबदों के नीचे के हिस्से में चार हिस्से होंगे और एक मुख्य शिखर होगा.
राम मंदिर का नक्शा तैयार करने वाले चीफ आर्किटेक्ट सोमपुरा के बेटे निखिल सोमपुरा का कहना है कि कुल भूमि 67 एकड़ है. लेकिन, मंदिर 2 एकड़ में ही बनेगा. बाकी 65 एकड़ की जमीन पर राम मंदिर परिसर का विस्तार किया जाएगा. ऐसा बताया जा रहा है कि यह देश का सबसे भव्य मंदिर होगा.
राम मंदिर निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर का पत्थर लगेगा. बंशी पहाड़पुर इलाके का पत्थर अपनी मजबूती और सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है. इसकी खासियत को देखते हुए ही देश के बड़े-बड़े मंदिरों और भवनों में इन पत्थरों को लगया गया है. अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाने के लिए इन पत्थरों को खासतौर पर मंगाया गया है.
राम मंदिर निर्माण के लिए लगभग चार लाख घन फीट पत्थर का उपयोग होगा. इसमें से लगभग 2.75 लाख घन फीट पत्थर भरतपुर के बंसी पहाड़पुर का सैंड स्टोन का होगा. मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर के लिए नींव की खुदाई होगी. यह 20 से 25 फीट गहरी हो सकती है. प्लैटफॉर्म कितना ऊंचा होगा इस पर निर्णय राम मंदिर ट्रस्ट करेगा. अभी 12 फीट से 14 फीट तक की ऊंचाई की बात चल रही है.
आर्किटेक्ट प्रॉजेक्ट के अनुसार मंदिर को बनकर तैयार होने में तीन से साढ़े तीन साल का समय लगेगा. मंदिर तीन मंजिला होगा और यह वास्तुशास्त्र के हिसाब से बनाया जाएगा. 5 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखेंगे तब उसके साथ ही रामजन्मभूमि के सैकड़ों साल का इंतजार खत्म हो जाएगा. अयोध्या में मंदिर के भूमि पूजन के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं.
मंदिर में हर तल पर 106 स्तंभ संयोजित होने थे, पर एक तल बढ़ने के साथ मंदिर में लगने वाले स्तंभों की संख्या 212 से बढ़कर 318 हो गई है. यह स्तंभ साढ़े 14 से 16 फीट तक ऊंचे और आठ फीट व्यास वाले होंगे. प्रत्येक स्तंभ यक्ष-यक्षिणियों की 16 मूर्तिंयों से सज्जित होगा.
मंदिर के प्रथम तल के गर्भगृह में जहां रामलला की प्रतिमा स्थापित होगी, वहीं दूसरे तल के गर्भगृह में राम दरबार की स्थापना होगी. तीसरे तल के गर्भगृह में भगवान राम के किसी मार्मिंक प्रसंग से जुड़ी प्रतिमाएं स्थापित होंगी.
भूमिपूजन का शुभ मुहूर्त मात्र 32 सेकेंड का है जो दोपहर 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 44 मिनट 40 सेकंड के बीच है. इसी मुहूर्त के बीच प्रधानमंत्री चांदी की ईंट से राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे.
मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 लोगों में से 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं का हिस्सा हैं. ट्रस्ट ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण धार्मिक नेताओं सहित कुछ अतिथियों को भूमि-पूजन समारोह में शामिल होने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं. मंदिर के भूमि पूजन को देखते हुए पूरे देश में उत्साह का माहौल है.