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राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक आज जानें कहा हो रही हैं
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण गठित 'राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट की आज यानी बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहली बैठक होगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने इस ट्रेस्ट का गठन किया था. बुधवार को होने वाली इस ट्रस्ट की बैठक में मंदिर निर्माण के मुहूर्त सहित कई विषयों पर विचार किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार शाम को बुलाई गई है।
क्या होगा पहली बैठक में
बैठक में राममंदिर के निर्माण की समयसीमा तय की जा सकती है।
निर्माण के लिए फंड कैसे जुटाया जाएगा, इसे लेकर भी चर्चा होगी।
आम लोगों से निर्माण के लिए फंड कैसे जुटाया जाए, इसे लेकर सदस्य विमर्श करेंगे
निर्माण कार्य के दौरान रामलला के लिए सही स्थान के चयन पर भी बातचीत होनी है।
ट्रस्ट के विभिन्न पदों के लिए चुनाव भी इसी बैठक में होना है।
बैठक में नृत्यगोपाल दास व विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय को ट्रस्ट में शामिल किए जाने पर फैसला लिया जा सकता है।
बैठक के बाद ट्रस्ट न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और प्रबंध कमेटी का गठन करेगा।
ट्रस्ट में हैं 15 ट्रस्टी
उल्लेखनीय है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी हैं, जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से होगा. इस बीच बीजेपी और मंदिर आंदोलन से जुड़े कई नेताओं ने ट्रस्ट में एक ओबीसी समाज के प्रतिनिधि को शामिल करने की मांग की थी. मंदिर निर्माण से जुड़े सारे फैसले ट्रस्ट ही लेगा. हालांकि, विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि अगर ट्रस्ट कहेगा तो मंदिर के लिए फंड जुटाने का काम वीएचपी कर सकती है।
मंदिर ट्रस्ट में कितने सदस्य
केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित इस ट्रस्ट का आधिकारिक कार्यालय ग्रेटर कैलाश में बनाया गया है, जो एडवोकेट के परासरन का दफ्तर भी है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं, जिनमें 9 स्थायी और 6 नॉमिनेटेड सदस्य हैं। केंद्र सरकार ने अभी 12 सदस्यों के नामों की घोषणा की है।
ये हैं मंदिर ट्रस्ट के सदस्य (स्थायी सदस्य)
के परासरन : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के. परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे। उन्होंने रामलला विराजमान की ओर से अयोध्या मामले में लंबे समय तक पैरवी की।
डॉ. अनिल कुमार मिश्र : पेशे से होम्योपैथी डॉक्टर अनिल राम मंदिर आंदोलन के दौरान विनय कटियार के साथ जुड़े थे।
विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र : अयोध्या राज परिवार के वंशज व समाजसेवी।
कामेश्वर चौपाल : 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में अनुसूचित जाति के कामेश्वर ने ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी।
महंत दिनेंद्र दास : राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में पक्षकार और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक के प्रमुख।
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज : इनके शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद भी हुआ।
जगतगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज : कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर।
युगपुरुष परमानंद जी महाराज : अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख। 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को भी संबोधित किया था।
स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज: आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं।
ये भी होंगे ट्रस्ट में
बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित दो सदस्य, दोनों हिंदू धर्म से होंगे।
केंद्र सरकार द्वारा नामित एक हिंदू धर्म का प्रतिनिधि जो केंद्र के अंतर्गत आईएएस अधिकारी होगा।
राज्य सरकार द्वारा नामित एक हिंदू धर्म का प्रतिनिधि जो यूपी सरकार के अंतर्गत आईएएस अधिकारी होगा।
अयोध्या के जिलाधिकारी ट्रस्टी होंगे। वह हिंदू धर्म को मानने वाले होंगे। अगर किसी कारण से मौजूदा कलेक्टर हिंदू धर्म के नहीं हैं, तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) सदस्य होंगे।
भूमिका और जिम्मेदारियां
राममंदिर निर्माण की पूरी प्रक्रिया इसी ट्रस्ट की देखरेख में पूरी होगी।
मंदिर निर्माण कब शुरू होना है और कब तक इसका निर्माण पूरा होना है, यह जिम्मेदारी ट्रस्ट की होगी।
मंदिर निर्माण के लिए मिलने वाले दान को पारदर्शी रखना और उसका सही इस्तेमाल भी ट्रस्ट को ही करना होगा।