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- अयोध्या आतंकी हमले पर...
अयोध्या आतंकी हमले पर 14 साल बाद फैसला, 4 को उम्रकैद, एक बरी
अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में 2005 में हुए आतंकी हमले में मंगलवार को प्रयागराज की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया. नैनी सेंट्रल जेल में हुई सुनवाई में विशेष अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया है. इन आरोपियों पर हमले की साजिश रचने का आरोप था, पिछले काफी समय से वह नैनी जेल में ही बंद थे. इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज दिनेश चंद्र कर रहे थे.
प्रयागराज की स्पेशल अदालत ने मंगलवार दोपहर इस मामले में फैसला सुनाया. अदालत की तरफ से चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है, इसके अलावा उनपर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है. इसके अलावा पांचवें आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया गया है.
इस मामले में कुल 63 गवाहों ने अपने बयान दर्ज करवाए थे, जिसमें 14 पुलिसकर्मी थे. बता दें कि आतंकी हमले के साजिशकर्ता अरशद को मौके पर ही मार गिराया गया था. 5 जुलाई 2005 में हुए आतंकी हमले में दो लोग मारे गए थे, तो वहीं कुछ सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए थे.
इन्हें मिली उम्रकैद की सजा
डॉ. इरफान
मोहम्मद शकील
मोहम्मद नसीम
फारुक
इनके अलावा मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया गया है.
पिछले 14 साल से मामले में सुनवाई और ट्रायल चल रहा था. एक लंबी सुनवाई के बाद जज ने 18 जून की तारीख फैसले के लिए तय की थी. जांच के दौरान पुलिस ने पांच लोगों को साजिश रचने, आतंकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जिन आतंकियों ने हमला किया था, उन्हें तभी ढेर कर दिया गया था.
14 साल की सुनवाई में कुल 63 लोगों से पूछताछ हुई, कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सुनवाई हुई.
बता दें कि 5 जुलाई को हुआ ये हमला तब हुआ था जब रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद कॉम्पल्केस पुख्ता सुरक्षा में था. लेकिन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने इसे निशाना बनाया. सभी आतंकी नेपाल के रास्ते भारत में घुसे थे. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों ने एक ही घंटे के अंदर आतंकियों को ढेर कर दिया था और किसी बड़े खतरे को टाल दिया था.
आतंकी बतौर भक्त अयोध्या में घुसे, पूरे इलाके की रेकी की और टाटा सूमो में ही सफर किया. हमले से पहले आतंकियों ने राम मंदिर के दर्शन भी किए थे. गाड़ी में ही सवार होकर आतंकी रामजन्मभूमि परिसर में आए और सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए घुस गए, वहां पर ग्रेनेड फेंक हमला किया.