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सनबीम स्कूल: छात्रा की मौत पर उग्र हुआ अधिवक्ता संघ, सीबीआई जांच की मांग, सड़कों पर उतरा जन सैलाब
अयोध्या : सनबीम स्कूल कांड को लेकर सोमवार को अधिवक्ताओं ने उग्र तेवर अख्तियार कर लिया। लगभग डेढ़ घंटे चली हंगामाखेज बैठक में अधिवक्ता संघ ने कार्रवाई के लिए पुलिस प्रशासन को 24 घंटे की मोहलत दी है और केस की सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं कचहरी परिसर में मार्च कर अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और प्रदर्शन किया।
छात्रा प्रकरण को लेकर बार एसोसिएशन सभागार में संपन्न बैठक में निर्णय लिया गया कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। इसके लिए एसोसिएशन की ओर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जाएगा। पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए संघ ने कार्रवाई के लिए 24 घंटे की मोहलत दी है। ऐसा न होने पर एसोसिएशन के पदाधिकारी और अधिवक्ता परिसर के बाहर निकल प्रदर्शन करेंगे। बैठक के बाद पदाधिकारियों के नेतृत्व में अधिवक्ताओं के हुजूम ने पूरे कचहरी परिसर में मार्च किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ तथा बिटिया को न्याय दो संबंधित नारेबाजी की।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष कालिका मिश्रा ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन को घंटों तक साक्ष्यों को मिटाने के लिए इधर-उधर निजी नर्सिंग होम में घुमाने का मौका दिया गया। सवाल उठाया कि मौत और रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस को कार्रवाई के लिए किस बात का इंतजार है। क्या इतना सब कुछ होने के बावजूद पुलिस की नजर में कोई अपराध नहीं बनता। उन्होंने पुलिस पर हीलाहवाली का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे अच्छा है कि केस की तफ्तीश ही बंद कर दें। अधिवक्ता संघ सीबीआई जांच के लिए राष्ट्रपति, पीएम व सीएम को पत्र भेज रहा है। सीबीआई जांच के लिए संघ का प्रतिनिधिमंडल मुलाकात भी करेगा और परिसर के बाहर भी प्रदर्शन होगा। 24 घंटे के भीतर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो संघ पदाधिकारी और अधिवक्ता पीड़ित के घर तथा घटनास्थल पर भी जाएंगे। प्रकरण में अधिवक्ता चुप नहीं बैठेंगे।
देर शाम सड़कों पर उतरा जन सैलाब
आंखों से आंसू नहीं चिंगारियां निकल रही थी। नारो की गूंज हर व्यक्ति के हृदय में दस्तक दे रही थी। सनबीम स्कूल में पढ़ने वाली मृतक बेटी के समर्थन में सड़क पर जनसैलाब उमड़ा। नारे लगाती भीड़ का समर्थन दोनो पटरियों पर मौजूद दुकानदार कर रहे थे।
ऐसा शायद की कम दिखाई देगा कि एक घटना के विरोध में मार्च निकल रहा हो तथा उसको रास्ता लोग स्वयं देने लगे। मार्च को मार्ग देने के लिए आने जाने वाले अपना वाहन किनारे पार्क करके रास्ता दे रहे थे। बिना पुलिस की मौजूदगी के मार्च के निकालने से जाम की तस्वीर भी सामने नहीं आ रही थी। ऐसा जनसमर्थन मार्च को मिल रहा था। वहीं इस विरोध मार्च में सबसे बड़ी संख्या में छात्र व छात्राएं मौजूद थी।
दस साल लेकर बुजुर्ग तक बिटिया के समर्थन पर सड़क पर दिखाई दे रहे थे। हाथ तख्तियां थी जो बेटी के लिए न्याय की मांग कर रही थी। नारे परिवेश में गूंज रहे थे। सबसे बड़ी बात थी कि इस मार्च में केवल आम जनता थी। न कोई संगठन और न कोई राजनैतिक दल। मार्च में किसी के विरोध की भी बात नहीं हो रही थी। बस केवल बेटी को न्याय व दोषियां को फांसी देने की मांग मार्च में हो रही थी। मार्च के समाप्त होने के बाद भी विभिन्न टुकड़ों में लोग बच्ची के आवास की ओर जाते दिखाई दिये।