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फटीचर से दिखने वाले दबंग कर रहे है करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा
कौशाम्बी: तहसील चायल क्षेत्र के ग्राम पंचायत पल्हाना उपरहार अन्तर्गत मूरतगंज चौराहा स्थित तालाबी नम्बर 394 पर दो दर्जन पक्की दुकानों का अवैध रूप से कब्जा चला आ रहा जिस पर 20 वर्षों पूर्व न्यायालय ने बेदखली का आदेश दिया था लेकिन तहसील प्रशासन कार्यवाही नहीं कर सका। जिससे फटीचर से दिखने वाले दबंगों के हौसले बुलंद हो गए और करोड़ों कीमत के शेष सरकारी जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया है।
सड़क से बीस फिट दूरी उत्तर दिशा में मूरतगंज से जिल्लापर जाने वाली गली से लगी हुई सरकारी जमीन करोड़ों रुपए कीमत की है यह भूमि तालाब नं 394 सरकारी अभिलेख में दर्ज है जैसे खतौनी खसरा 41/45/1359/ बन्दोबस्त नक्शा आदि में तालाबी नम्बर 394 अंकित है इसके बाद भी मूरतगंज और कुछ बाहरी लोगो की नजर इस करीब 50 फिट शेष सरकारी जमीन पर लगी हैं। खाली पड़ी सरकारी जमीन की बाजारू कीमत लगभग दो करोड़ रूपए की बताई जा रही है जिसके कब्जा को लेकर फटीचर से दिखने वाले एक स्थानीय दबंगई के बल पर महिलाओं को आगे करके कब्जा करने की नियत से बास बल्ली गाड़ कर कब्जा कर रहा हैं तो दूसरा पक्ष पिलर का निर्माण कर कब्जा करने को प्रयासरत हैं मामला कई बार पुलिस चौखट तक भी पहुंच चुका है। लेकिन कब्जा करने वालों के हौसले नहीं टूट सके हैं जिससे दोनों पक्ष में तनातनी चल रही है जो चिन्ता का विषय बनता जा रहा हैं।
उक्त तालाबी नम्बर पर बने मकानों को लेकर सन 2001में तत्कालीन लेखपाल की रिपोर्ट के बाद 27 दुकानो को जरिये न्यायालय तहसीलदार चायल के यहाँ से बेदखल करने और कब्जा हटाने का आदेश पारित हुआ था जो मिसिलबंद रजिस्टर में नाम भी दर्ज है इसके वाद भी पुलिस प्रशासन और राजस्व विभाग तहसील चायल प्रशासन तालाबी नम्बर से अवैध कब्जा हटाने में असफल हो गये जो मूरतगजं क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हैं।
अवैध कब्जा को लेकर तनातनी की स्थिति बरकरार होने पर कभी भी मारपीट होने की आशांका बनी हुई है तहसील प्रशासन को चाहिए कि शासन प्रशासन के मंशानुसार बास बल्ली गाड़ कर अतिक्रमण करने वाले लोगों के विरुद्ध तत्काल कानूनी कार्यवाही करते हुए अतिक्रमण हटाया जाए और जिन 27 दुकानों पर न्यायालय ने बेदखली का आदेश दिया है उन दुकानों को भी बुलडोजर लगाकर धराशाही कराया जाए लेकिन नगर के लोगों को तहसील प्रशासन से यह उम्मीद नहीं लगती है।
अनिल कुमार पत्रकार