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सरयू की रेत पर उकेरा जा रहा हैं रामायणकालीन प्रसंग, मोदी-योगी की तस्वीर भी बनेगी
अयोध्या में रामायणकालीन 15 स्वागत द्वार, दीपोत्सव की आभा बढ़ा रहे हैं। राम परिवार, निषादराज व अहिल्या आदि के नाम पर द्वार बनाए गए हैं। दूसरी ओर सरयू तट पर रेत पर रामायणकालीन सुंदर आकृतियां भी उकेरी जा रही हैं।
दीपोत्सव, अयोध्या ही नहीं पूरे देश में हर व्यक्ति की जुबां पर छाया हुआ है। अयोध्या में इस बार दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने की कवायद है। अयोध्या में रामायणकालीन 15 स्वागत द्वार, दीपोत्सव की आभा बढ़ा रहे हैं। राम परिवार, निषादराज व अहिल्या आदि के नाम पर द्वार बनाए गए हैं। पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए ये द्वार त्रेतायुग की धरोहरों से साक्षात्कार कराएंगे। अयोध्या के सौंदर्यीकरण में कोई कोर कसर न बाकी रहे, इसके लिए एक तरफ अयोध्या प्रशासन युद्धस्तर पर तैयारियां कर रहा है।
काशी विद्यापीठ फाइन आर्ट्स विभाग के छात्र यह कमाल कर रहे हैं। अयोध्या सरयू तट पर स्थित वीवीआईपी सरयू अतिथि गृह के सामने काशी विद्यापीठ फाइन आर्ट्स विभाग के छात्र रामायणकालीन चरित्रों का रेत पर उकेर रहे हैं। काशी विद्यापीठ के फाइन आर्ट्स डिपॉर्टमेंट के छात्र रूपेश सिंह के नेतृत्व में 20 छात्रों का दल 2 दिनों से इस कार्य मे लगा हुआ है। रूपेश सिंह ने बताया कि, अयोध्या दीपोत्सव में सैंड आर्ट स्कल्पचर के प्रदर्शन का इस बार तीसरा अवसर है। इससे पहले भी 2020.21 में उनके द्वारा इसी तरह का प्रदर्शन किया जा चुका है।