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ऐसा दिखेगा राममंदिर का गर्भग्रह ,श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने ट्विटर पर राम मंदिर के प्रस्तावित 'गर्भ गृह' की तस्वीरें साझा की
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने शुक्रवार 26 अगस्त को ट्विटर पर राम मंदिर के प्रस्तावित 'गर्भ गृह' की तस्वीरें साझा की है। 13,000 क्यूबिक फीट मकराना संगमरमर के इस्तेमाल से राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जून में मंदिर के गर्भगृह के निर्माण का शिलान्यास किया था।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार गर्भगृह के दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। गर्भ गृह का पूरा होना राम मंदिर की तीन चरणों की निर्माण योजना में से पहला चरण है। अयोध्या। मंदिर का निर्माण 2024 के अंत तक पूरा होने की संभावना है और मंदिर परिसर का मुख्य निर्माण 2025 तक पूरा होने की संभावना है। ट्रस्ट ने निर्माण कार्य की कुछ तस्वीरें साझा कीं।
भगवान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए बन रहे चबूतरे का करीब 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। रामलला के मंदिर के चबूतरे को बनाने में 17000 से ज्यादा पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। प्लेटफॉर्म की ऊंचाई जमीन से 21 फीट ऊपर होगी। रामलला के मंदिर के लिए तराशे गए पत्थरों का लगाने का काम भी शुरू हो चुका है। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि मंदिर का निर्माण इस तरह से किया जा रहा है
कि सूर्य की पहली किरण भगवान राम की मूर्ति पर पड़े। गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त, 2020 को भूमि पूजन करने और मंदिर की आधारशिला रखने के बाद शुरू हुआ था। मंदिर का निर्माण पांच एकड़ भूमि में किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण की निगरानी कर रहा है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने कहा कि मंदिर निर्माण का 30 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है और गर्भगृह का निर्माण तेज गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि 14 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति के दिन गर्भगृह में रामलला की स्थापना की जाएगी और उसके बाद देश-विदेश के श्रद्धालुओं को नए मंदिर में रामलला की पूजा करने की अनुमति दी जाएगी।