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रामजन्मभूमि भूमि घोटाले में चम्पतराय की क्या है भूमिका ?
यूपी सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में भूमि खरीद घोटाले के विवाद की रिपोर्ट तलब की है और साथ ही ट्रस्ट में भी आपसी घमासान शुरू हो गया है। दो करोड़ की जमीन को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा 18.5 करोड़ में खरीदने से जुड़े विवाद पर उत्तर प्रदेश सरकार भी सचेत हुई है।
इस मामले में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रिपोर्ट तलब की है। सोमवार को राजस्व विभाग के अधिकारियों को तलब कर पूरी जानकारी ली गई है। जमीन का मुद्दा उछलने पर ट्रस्ट में घमासान मच गया है। ट्रस्ट के पास जनता के दिए चार हजार करोड़ रुपए से अधिक की रकम है।
लंबे समय से बीमार चल रहे ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास के उत्तराधिकारी कमलनयन दास ने भी आवाज उठाई है। उन्होंने कहा है पिछले एक साल से ट्रस्ट में जो हो रहा है उसकी कोई जानकारी कभी अध्यक्ष को नहीं दी गई। सारे फैसले महासचिव चंपतराय ही ले रहे हैं।
रविवार को करीब एक साल बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस से ट्रस्ट के लोगों ने महंतजी का आशीर्वाद लिया है।' ट्रस्ट के कई सदस्य ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा की भूमिका से भी खुश नहीं हैं। डॉ. मिश्रा हरीश पाठक- कुसुम पाठक और सुल्तान अंसारी-रवि मोहन तिवारी के बीच दोनों बैनामे में गवाह बने हैं। ट्रस्ट के दो सदस्यों ने इस पर एतराज किया है।
अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय पर भी सवाल हैं। उन्हीं के घर 18 मार्च 2021 को जमीन की दो करोड़ में बिक्री का बैनामा तैयार है। वहीं 18.5 करोड़ में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के लिए इस जमीन का एग्रीमेंट भी बना। इसके लिए रजिस्ट्रार विभाग के अधिकारियों को महापौर के घर बुलाया गया था। वहीं सभी पक्ष मौजूद थे। विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'यह हमारी ड्यूटी है हम कार्यालय के बाहर भी जाकर बैनामा व एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन करते हैं।'
जमीन का सर्किल रेट 5.79 करोड़ है। इसे दो करोड़ में खरीदने की अयोध्या रजिस्ट्रार ऑफिस ने आयकर विभाग को सूचना दी है। सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग जमीन विक्रेता हरीश व कुसुम पाठक पर 5.79 करोड़ की आय के आधार पर 30% टैक्स लगाएगा सुल्तान व रविमोहन पर दो करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में बेचने पर 20% कैपिटेल गेन टैक्स लगेगा।
हरीश पाठक ने दो करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में बिकते देखी। इतने बड़े लाभ से खुद को क्यों दूर किया, यह रहस्य है। हरीश ने 10 साल पहले 'साकेत गोट फार्मिंग कंपनी लि.' के जरिए लोगों को चूना लगाया था। पाठक के खिलाफ अयोध्या के कई थानों में केस दर्ज है। जमीन के बैनामे में कुसुम पाठक का पैन नंबर तो ठीक है, लेकिन हरीश पाठक का सही नहीं है।
दो करोड़ में खरीद कर 18.5 करोड़ में बेची गई जमीन के दावे और हकीकत में कई झोल हैं। सोमवार को ट्रस्ट सूत्रों और विक्रेताओं ने सितंबर 2019 के एग्रीमेंट की एक कॉपी दी। पर एग्रीमेंट का जमीन के विक्रय अभिलेख में जिक्र ही नहीं है। एग्रीमेंट में 8 लोग हैं। लेकिन पाठक से जमीन खरीदने के बैनामे में सिर्फ सुल्तान अंसारी और रविमोहन तिवारी हैं।