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फर्रुखाबाद में 11 घंटे खौफ में रही 23 मासूमों की जिंदगी, एनकाउंटर में ऐसे ढेर हुआ सिरफिरा और पत्नी की हुई मौत
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के गांव करथिया में एक सिरफिरे ने जन्मदिन के बहाने 23 मासूमों को 11 घंटे तक खौफ में कैद रखा. हालांकि, करीब 7 घंटे चले ऑपरेशन के बाद यूपी पुलिस 23 बच्चों की जिंदगी बचाने में कामयाब रही. गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे से शुरू हुआ ये खौफनाक खेल रात करीब डेढ़ बजे सिरफिरे सुभाष बाथम की मौत के साथ खत्म हुआ. सुभाष ने इन बच्चों को जन्मदिन के नाम पर अपने घर में बुलाया था, जहां उसनें गांव के 23 बच्चों को बंधक बना लिया. बच्चों ने वापस जाने की जिद की तो उसने घर के दरवाजे बंद कर दिए. इस दौरान सुभाष की पत्नी भी अपने पति के साथ मौजूद थी. बंधक बनाने के बाद सुभाष अपने छत पर आया और बच्चों को कैद करने की बात सबको बताई.
बात करने गए तो बदमाश ने पैर में मारी गोली
इसके बाद गांव वालों ने एक व्यक्ति को सुभाष से बात करने के लिए भेजा, लेकिन बदमाश ने उसके पैर में गोली मार दी. इसके बाद गांव के लोगों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. सूचना पाकर 30 मिनट बाद पहुंची पुलिस ने मोर्चा संभाला. इधर आरोपी लगातार बच्चों को बम से उड़ाने की धमकी दे रहा था. सवाल 23 मासूमों की जिंदगी का था, ऐसे में पुलिस और यूपी एटीएस के सामने ये ऑपरेशन किसी चुनौती से कम नहीं था. एक भी गलती मासूमों की जान ले सकती थी. ऐसे में पुलिस ने बड़ी सूझबूझ दिखाते हुए बदमाश से बात करने की कोशिश की. लेकिन सुभाष ने पुलिस को भी नहीं बख्शा और फायरिंग शुरू कर दी. इतना ही नहीं उसने हथगोले भी फेंके. हमले में पुलिस के दो जवान घायल हो गए.
मामला बढ़ता देख डीएम-एसपी भी मौके पर पहुंचे. इस बीच सुभाष ने स्थानीय विधायक को बुलाने की मांग की. पूरा गांव सकते में था. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि सुभाष आखिर चाहता क्या है. इसी बीच आरोपी ने दोबारा फायर किया. इधर, मामला लखनऊ तक पहुंच गया. अधिकारियों को हालात की जानकारी दी गई. डीजीपी ने एटीएस टीम को मौके पर पहुंचने का आदेश दिया और एनएसजी से भी संपर्क किया गया.
सीएम योगी ने पुलिस को लगाई फटकार
रात करीब 9 बजे सीएम योगी आदित्यनाथ ने आपात बैठक बुलाई. मुख्य सचिव, डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और गृह विभाग के प्रमुख सचिव को योगी ने बच्चों को सुरक्षित छुड़ाने के लिए तुरंत एक्शन लेने को कहा. इसके बाद योगी ने फर्रुखाबाद के डीएम और एसपी से चर्चा की. मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर फर्रुखाबाद पुलिस को फटकार भी लगाई कि आखिर मामले को इतना बढ़ने कैसे दिया गया. इधर, पुलिस ने सुभाष के घर को चारो ओर से घेर रखा था. गांव वाले भी पुलिस वालों की मदद में लगे हुए थे. लेकिन सुभाष के घर से ना ही कोई डिमांड आ रही थी और ना ही वो बातचीत करने को तैयार था. रात करीब सवा 9 बजे एटीएस की टीम पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
ड्रोन से पता लगा- अंदर गोला बारूद है...
एटीएस ने घर को चारो ओर से घेरा. साथ ही ड्रोन के जरिए घर के अलग-अलग हिस्सों की तस्वीरें ली गईं. इन तस्वीरों में पाया गया कि अपराधी के पास मौजूद भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मौजूद थे. और घर में बच्चों के होने की वजह से पुलिस और एटीएस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली से एनएसजी की टीम भी फर्रुखाबाद के लिए रवाना हुई.
रात करीब 11 बजे सुभाष ने करीब 2 साल के एक बच्चे को घर से बाहर भेजा. सुभाष की पत्नी ये बच्चा औप एक पत्र लेकर बाहर आई. यह पत्र टाइप किया हुआ था जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुभाष ने अच्छे से प्लान करके यह हाई वोल्टेज ड्रामा रचा था. पत्र में उसने बताया कि वो काफी समय से सरकारी योजना के तहत घर और शौचालय की मांग कर रहा था लेकिन उसे अभी तक उसकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई थी.
बातों में उलझाकर किया काम तमाम
गांव वालों ने देर रात घर सुभाष के घर पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद थी. सुरक्षाबलों ने भी घर को चारो ओर से घेर रखा था. पुलिस ने बातचीत में सुभाष को व्यस्त रखा. जबकि एक टीम पीछे से गेट पर तैयार खड़ी थी. रात करीब सवा एक बजे गांव वालों ने घर पर हमला बोल दिया और घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया. इसके बाद पुलिस भी घर में घुस गई और एनकाउंटर में सुभाष को ढेर कर दिया.
सुभाष की पत्नी की भी मौत
गांव वालों का गुस्सा सुभाष की पत्नी रूबी पर भी निकला. उसे गांव की महिलाओं ने जमकर पीटा. पुलिस ने जैसे-तैसे गांव की महिलाओं के चंगुल से रूबी को छुड़ाया और गंभीर हालत में अस्पताल भेजा, जहां उसने दम तोड़ दिया. सुभाष की एक साल की बच्ची भी है जिसे लोकल प्रशासन ने सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है.
करीब 11 घंटे चले इस ऑपरेशन में 5 पुलिसकर्मियों समेत 6 लोग घायल हुए हैं. वहीं, सुभाष के घर से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन को सफल बनाने वाली पुलिस की टीम के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है.