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ब्यवस्था पर भारी एक अधिशासी अधिकारी, जांच में तबादले की संस्तुति
फ़तेहपुर । बहुआ नगर पंचायत अध्यक्ष व ईओ के बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग खत्म होने की बजाय और भी बढ़ती चली जा रही है। शुक्रवार को नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश सिंह गौतम ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि नगर पंचायत के अधिषासी अधिकारी राजकुमार की भृष्ट कार्यनीतियों की वजह से कस्बे का विकास नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने बताया कि अधिशाषी अधिकारी द्वारा बगैर नगर पंचायत अध्यक्ष की अनुमति लिये अपने चहेते ठेकेदार को गलत ढंग से अपात्र होने के बावजूद भी लाखों का ठेका दे दिया। नगर पंचायत अध्यक्ष की मानें तो आरोपित अधिषासी अधिकारी की मनमानी यहीं पर खत्म नहीं होती इसके पूर्व भी अधिशाषी अधिकारी ने अपनी चहेती फर्म एस०के० द्विवेदी फर्म के ठेकेदार को लाखों रूपये का ठेका गलत ढंग से नियमों की अवहेलना कर दिया। यही नहीं बल्कि आरोपित अधिशाषी अधिकारी ने आउट सोर्सिंग पर रखे गये कई कर्मचारियों का एनजीओ से मिलने वाला वेतन भी स्वयं डकार लिया है।
उन्होंने बताया कि मनबढ़ हुए अधिशाषी अधिकारी ने नगर पंचायत योजना के अंतर्गत कराये गये विकास कार्यों के लिये प्राप्त धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र अब तक जमा नहीं कराया है। जबकि 70% प्रतिशत विकास कार्य पूरा हो चुका है। उपभोग प्रमाण पत्र जमा ना होने के कारण अग्रिम किस्तें नहीं प्राप्त हो पा रही हैं। जिससे नगर पंचायत के विकास कार्य ठप पड़े हैं। अधूरे पड़े विकास कार्यों से ना सिर्फ नगर पंचायत की छवि आवाम की निगाह में धूमिल हो रही है बल्कि ठेकेदारों के भुगतान रुकने से उनके सामने आर्थिक संकट गहराया हुआ है। शिकायतकर्ता नगर पँचायत अध्यक्ष ने ईओ पर मनमानी करते हुए बोर्ड की बैठकें ना आयोजित करने का भी संगीन आरोप लगाया।
उन्होंने अधिशाषी अधिकारी को सरकार विरोधी बताते हुए जानबूझकर उनकी और प्रदेश सरकार की छवि धूल धूसरित करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने बताया कि शासन से इनके भ्रष्टाचार की शिकायत हुई थी जिस पर शासन ने इनकी जांच एसडीएम सदर प्रमोद झा से कराई थी जिसमे इनको दोषी भी पाया गया है। मगर फिर भी इन पर न ही अभी तक कोई कार्रवाई हुई है और न ही इनका तबादला। उन्होंने शासन से गुहार लगाई है कि ऐसे अधिकारी पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो अन्यथा सरकार की छवि धूमिल हो रही है।