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मासूम के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही विक्षिप्त मां
ललौली/फ़तेहपुर । कहते हैं जब किस्मत रूठी होती है तो इन्सान क्या गरीब बेसहारा और लाचार की भगवान भी नहीं सुनता। ऐसा ही एक वाकया ललौली थाना क्षेत्र का है जहां 6 जून को अजमतपुर गांव में मानसिक विक्षिप्त महिला अपना नाम कभी रेनू कभी सीमा देवरिया बताती रही। जिसके गोद में 3 माह की दुधमुंही बच्ची थी। बतातें है कि 5 जून को महिला अपनी पेट की आग मिटाने के लिए सामान इकट्ठा कर रोटियां बना रही थी।
पर हाय रे फूटी किस्मत उसी आग पर 3 माह की बच्ची गिरकर जल गई। लगभग दो तिहाई जल चुकी बच्ची को गांव वालों ने ललौली पुलिस के सपुर्द किया। वहीं सूचना पर पहुंची ललौली पुलिस ने चाइल्ड लाइन को सूचना देकर बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। इतना सब होने के बाद भी मां बेटी की किस्मत में दर-दर की ठोकरें ही लिखी हैं।
अब फतेहपुर चाइल्ड लाइन से बच्ची की हालत नाजुक देखकर 13 जून को कानपुर के लिए टरका दिया जाता है और कानपुर चाइल्ड लाइन असुविधा की दुहाई देते हुए लखनऊ रेफर कर देते हैं। लखनऊ वालों ने फतेहपुर चाइल्ड लाइन को 15 जून को फिर वापस कर दिया। मतलब साफ है समस्या जहां से शुरू हुई थी वहीं आकर रुक गई है।
जब की जानकारी के अनुसार ललौली पुलिस को जिस दिन से बच्ची मिली तभी से यह समस्या उसके गले की फांस बनी हुई है, पुलिस इस महिला और बच्ची की देखरेख करे या अपनी ड्यूटी करें। कई बार प्रशासन को अवगत कराया लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। इस पूरी घटना क्रम के बाबत जब जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे से बात की गई तो उन्होंने बताया की पूरा मामला संज्ञान में नही था। पीड़ित को उचित इलाज की व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी।