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- अवैध खनन पर एनजीटी...
फ़तेहपुर। जनपद में स्थित अढावल खण्ड संख्या -11 के पट्टेधारक व संचालक के द्वारा दिसम्बर माह में जलधारा को बांधकर जमकर अवैध खनन किया गया था। जिसका मुकदमा एनजीटी कोर्ट में चल रहा है जिसकी जांच कोर्ट के आदेश व जिलाधिकारी के निर्देश पर
संयुक्त टीम कर रही थी। जिसने अपनी रिपोर्ट न्यायालय को भेज दी है जिसमे पट्टेधारक को बचाने का पूरा प्रयास किया गया है। इस बाबत शिकायत कर्ता पर्यावरण प्रेमी विकास पांडे ने जांच टीम पर गम्भीर आरोप लगाते हुए न्यायालय से लिखित शिकायत कर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि जांच टीम ने कई बिंदुओं को छिपाते हुए पट्टेधारक के पक्ष में एकतरफा रिपोर्ट बनाई है।
उन्होंने कहा कि वर्षों बाद हमारे संपूर्ण देश में कोविड-19 के लॉकडाउन के कारण यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर सुधरा। प्रदूषण कम होने से जलीय जीवों ने यमुना नदी को अपना आशियाना बना लिया था। मगर इसकी फिक्र किसे है इस जनपद में यमुना की धारा को बांधकर जलधारा से खनन करवाना कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का पेशा बन गया है। जिसकी वजह से लाखों जलीय जीव प्रतिदिन जलधारा मे हैवी बड़ी मशीनों से मौत के घाट उतार दिए जाते हैं।
अनेकों वीडियो बनाकर जिला प्रशासन को मेरे द्वारा दी जाती हैं लेकिन पट्टे धारकों से लाभान्वित होकर अधिकारियों द्वारा मामूली कार्यवाही कर पट्टे धारक को संरक्षण दिया जाता है। ऐसे अधिकारियों की अपराध में बराबर की सहभागिता व उनके द्वारा प्रशासनिक पद का दुरुपयोग किया जाता है। ऐसा नहीं कि यह हाल सिर्फ एक मोरंग खदान का है जनपद में मौजूद लगभग सभी मोरंग खदानो का यही हाल है।
शिकायत कर्ता ने बताया कि संयुक्त जांच टीम दिनांक 18/02/2021 को उसे अढावल खण्ड 11 मौके में जांच में साथ लेकर गई थी मगर उसके द्वारा बताए गए किसी भी बिंदु पर जांच नहीं की। और तो और उससे एक सादे कागज़ में हस्ताक्षर कराने की कोशिश की गई मगर उसने मना कर दिया। जिसके बाद टीम ने पट्टेधारक से लाभान्वित होकर एकतरफा रिपोर्ट माननीय न्यायालय में प्रेषित की है जिसकी उच्चस्तरीय जांच करवाना न्याय हित में आवश्यक है जिससे लाखों जलीय जीवो के हत्यारों को कठोर सजा मिल सके।
शिकायत कर्ता विकास पांडेय ने एनजीटी कोर्ट से गुहार लगाई है कि लाखों की संख्या में जलीय जीवो के जीवन से खिलवाड़ करने वाले व भारत की श्रेष्ठ नदी यमुना नदी की जलधारा में अवैध खनन करने वाले व इस खेल में मिले भ्रष्ट अधिकारियों की उच्च स्तरीय जांच कराकर मुकदमा दर्ज किया जाए व सीबीआई जांच कराकर समस्त दोषियों को कठोर से कठोर सजा दी जाए।