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- सर्राफ की लूट के बाद...
सर्राफ की लूट के बाद हुई हत्या के ब्लाइंड केस का पुलिस ने किया खुलासा
- क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर ही निकला घटना का मास्टरमाइंड
- शहर में चार लुटेरों ने बैठकर बनाई थी लूट की साजिश
- खुलासे में एसओजी व प्रथम स्पेशल टीम की रही प्रमुख भूमिका
( विवेक मिश्र )
थरियांव थाना क्षेत्र के मलाँव गांव निवासी सर्राफा व्यवसाई हत्याकांड से पुलिस ने शुक्रवार को पर्दा हटा दिया। खुलासे के लिए लगी पुलिस टीमो ने घटना में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ लूट के कुछ जेवरात भी बरामद किया है। जबकि घटना के मास्टरमाइंड समेत तीन हत्यारे अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। हालांकि पुलिस टीमें प्रयासरत हैं जल्द ही सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
बता दें कि मलांव गांव निवासी जीतपाल मौर्य पुत्र सुखराम मौर्य की लगभग 12 दिन पूर्व 20 सितम्बर को चकीवा चौराहे से दुकान बंद करके गांव लौटते समय अज्ञात बाइक सवार नकाबपोश बदमाशों ने ज्वैलरी लूटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी। व्यापारी के साथ लूट के बाद हत्याकांड की बड़ी घटना को देखते हुए पुलिस कप्तान प्रशांत वर्मा ने थाना प्रभारी राजीव सिंह सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल फैला हुआ था। कप्तान द्वारा गठित आधा दर्जन टीमें बराबर क्षेत्र में अपराधियों को ढूंढकर पूछताछ कर रही थी। काफी लंबे अरसे के बाद आखिर एसओजी टीम, थरियांव पुलिस व प्रथम स्पेशल टीम को सफलता मिल ही गई।
- थरियांव क्षेत्र के ही रहने वाले थे दो लुटेरे, शहर में रची गई थी घटना की साजिश
खुलासे के प्रयास में लगी लगभग आधा दर्जन पुलिस टीमो में एसओजी टीम की निगाह जिले के बड़े लुटेरों व अपराधियो पर थी। टीम ने सभी की लोकेशन के साथ साथ उनकी घटना के दिन की असल उपस्थिति की पड़ताल की। इस दौरान थरियांव थाना क्षेत्र के नौबस्ता का रहने वाला एक बड़ा अपराधी राजन लोधी घटना के दिन संदिग्ध अवस्था मे पकड़े गए आरोपी झल्लर के साथ शाम को घटनास्थल से कुछ किलोमीटर दूरी पर देखा गया। जिससे पुलिस ने झल्लर की लोकेशन ट्रेस की। पुलिस टीम को सर्विलांस के जरिए इसकी लीड भी मिल गई। घटनास्थल से कुछ ही दूरी तक पहुंचने के बाद झल्लर का मोबाइल स्विचऑफ हुआ था। झल्लर लोधी निवासी सचौली पर संदेह होने पर उसे एसओजी टीम ने उठा लिया। कड़ाई से पूछताछ के दौरान उसने सारे जुर्म कबूल कर लिए। झल्लर ने बताया कि घटना के दिन राजन लोधी उसको गांव से पहले शहर फ़तेहपुर लेकर गया था फिर वहीं मुराइन टोला चौकी क्षेत्र के एक मोहल्ले में बैठकर दो अन्य आरोपियों के साथ लूटकांड का प्लान बनाया। जिसके बाद राजन लोधी की हांडा साईन बाइक को सुनील राजपूत उर्फ झल्लर ने चलाया। कई घटनाओं को पहले भी अंजाम देने वाले शातिर राजन ने पुलिस को भ्रमित करने के लिए अपना मोबाइल शहर में ही रख दिया था ताकि लोकेशन ट्रेस न हो। वहीं दूसरी बाइक में दो अन्य शहर क्षेत्र के अपराधी जो इससे पहले भी एक हत्याकांड में जेल जा चुके हैं उनके साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। झल्लर ने बताया कि एक ब्यक्ति हम लोगों को लूट करते देख चुका था और मृतक सर्राफा ब्यवसाई बैग नहीं दे रहा था जिसकी वजह से उसे गोली मारनी पड़ी।
- हुसेनगंज के चौहट्टा में मिटाए गए सबूत, जेवरात का किया बंटवारा
लूटकांड की घटना को अंजाम देने के बाद चारो लुटेरे थरियांव से सीधे हुसेनगंज थाना क्षेत्र के चौहट्टा गांव पहुंचे। वहां गांव के किनारे एक तालाब के पास लूटे गए माल का बंटवारा किया। वहीं सबूत मिटाने के लिए बैग को व कागजातों को गाड़ी से पेट्रोल निकालकर जला दिया जिसमें एक हिसाब की अधजली डायरी पुलिस को बरामद हुई है जिसकी शिनाख्त मृतक व्यापारी के पुत्र ने कर ली है। जबकि लूट के हिस्से में मिले लगभग 600 ग्राम चांदी के जेवरात व कुछ रुपये पुलिस ने सुनील उर्फ झल्लर से बरामद किए हैं। पुलिस अन्य लुटेरों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
- सरगना के ऊपर पहले से ही दर्ज हैं एक दर्जन मुकदमे
थरियांव थाना क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर राजन लोधी के नाम का दबदबा है। पुलिस के अनुसार उसके ऊपर लगभग एक दर्जन मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं फिर भी स्थानीय पुलिस उस पर गम्भीर नहीं थी। न ही उसे बड़ा अपराधी मान रही थी। स्थानीय पुलिस व अन्य स्पेशल टीमो का संदेह लूट व लुटेरों पर नहीं बल्कि मृतक के पुत्र के ऊपर ही जा रहा था जिसकी वजह से घटना के खुलासे में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। मगर प्रभारी विनोद मिश्र की अगुवाई में एसओजी व प्रथम स्पेशल टीम ने लुटेरों को ट्रेस कर ब्लाइंड हत्याकांड का खुलासा कर बाजी मार ली।
- ब्लाइंड घटना के खुलासे में किसकी रही प्रमुख भूमिका
थरियांव थाना क्षेत्र के मलांव गांव के करीब हुए इस सर्राफ हत्याकांड की गूंज लखनऊ तक पहुंची थी। शासन की सख्ती पर एसपी प्रशांत वर्मा ने थानाध्यक्ष, हल्का इंचार्ज सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। पुलिस खुलासे के प्रयास में लगातार अन्य जनपदों में खाक छान रही थी मगर पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग रहा था। हमेशा की तरह पुलिस की कई टीमो का ध्यान परिजनों पर ही टिका था। बताया जाता है अधिकारियों का अत्यधिक दबाव न होता तो थरियांव पुलिस किसी परिजन को ही जेल भेजकर खानापूर्ति कर लेती। मगर लूट के बाद हत्याकांड के मामले में एसपी प्रशांत वर्मा की खुलासे पर पैनी नजर थी। इसलिए टीमे खुलासे में जल्दबाजी नहीं कर रही थीं। अंततः एसओजी टीम व प्रथम स्पेशल टीम को सफलता मिली और एक आरोपी झल्लर को पकड़ने में कामयाब हुए। एसओजी टीम से एसओजी प्रभारी विनोद मिश्र, एसआई विपिन यादव, कांस्टेबल राजेश सिंह, जावेद, पंकज सिंह, इंद्रजीत सिंह, विपिन मिश्र, अतुल कुमार आदि शामिल रहे, इसी प्रकार थानाध्यक्ष थरियांव उपेंद्र नाथ राय व प्रथम स्पेशल टीम से एसआई आशीष सिंह, एसआई महेश सिंह, कांस्टेबल मनोज व शिवेंद्र शामिल रहे।