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फतेहपुर । राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सस्ते दामों में नियमित खाद्यान्न वितरण को लेकर प्रदेश रूपी आवाह्न पर वर्तमान में तीन माह से ऊपर नियमित तथा कोविड-19 विशेष पर भी मुफ्त राशन वितरण करवाए जाने और बराबर विक्रेताओं द्वारा खाद्यान्न का पैसा जमा करवाने एवं सरकार के रवैए से प्रताड़ित उचित दर विक्रेताओं ने काली पट्टी बांधकर केंद्र तथा प्रदेश सरकार का जमकर विरोध किया।
रविवार को जनपद के समस्त कोटेदारों ने काली पट्टी बांधकर राशन वितरण करते हुए केंद्र तथा प्रदेश सरकार का विरोध किया। मामले के जानकार बताते हैं कि सरकार कोटेदारों द्वारा माह में दो बार फ्री राशन का वितरण उपभोक्ताओं को करवा रही है। कोटेदार इधर तीन माह के ऊपर फ्री राशन का वितरण कर रहे हैं और सुविधा के नाम पर सरकार द्वारा उन्हें ठेंगा दिखाया जा रहा है जो भुखमरी के कगार पर हैं।
मलवां ब्लॉक के कोटेदारों का कहना है कि सरकार द्वारा पिछले 5 अगस्त को कोटेदारों को राजनीतिक मोहरा बनाते हुए निर्देश दिए गए कि समस्त कोटेदार अपनी अपनी दुकानों में उपभोक्ताओं को बैठने के लिए 100 कुर्सियों के साथ टेंट, जनरेटर, पानी तथा दुकान को दुल्हन की तरह सजाएंगे। कोटेदारों ने अपनी जेब से सारी व्यवस्थाओं को खर्च करके पूरा किया और भाजपाइयों की दुकानों पर तैनाती करवाते हुए योगी मोदी की फोटो लगे झोले का वितरण करवाया गया जिसमें जनपद के प्रत्येक कोटेदार ने लगभग इसमें 5 हजार रुपए अपनी जेबों से मजबूरन खर्च किए। बायोमैट्रिक वितरण में घपले का नामोनिशान मिटा दिया गया और भ्रष्टाचार पर लगाम कसी गई।
गैस एजेंसी हो या पेट्रोल पंप सबमें प्रति सिलेंडर तथा प्रति लीटर अच्छा कमीशन दिया जाता है जबकि वहां आज भी भ्रष्टाचार कायम है किंतु कोटेदारों को मात्र 70 पैसा प्रति किलो कमीशन देकर सरकार ने ठेंगा ही दिखा दिया जिसमें दुकान का किराया, पल्लेदारी तक नहीं निकल पाता और कोटेदार अपनी जेबों से इस आशय पर भर रहे हैं कि उनके भविष्य की सरकार को जरूर चिंता होगी। रविवार को जनपद के सभी कोटेदारों ने अपने मानदेय को बढाने तथा अन्य मुद्दे को लेकर हाथों में काली पट्टियां बांधकर सरकार विरोधी विगुल फूंकते हुए उपभोक्ताओं को राशन का वितरण किया।