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- अंजना भैरव की गौशाला...
अंजना भैरव की गौशाला में दो गौवंश मरे, दफनाने की भी फुरसत नहीं
खागा/फ़तेहपुर । सूबे की योगी सरकार भले ही गौशालाओ की ब्यवस्था में हर महीने लाखों रुपये खर्च करती हो। किन्तु सरकार द्वारा गौशालाओं की ब्यवस्था के लिये अवमुक्त किया गया बजट गौशालाओं की ब्यवस्था में ना खर्च कर जिम्मेदारों द्वारा केवल कागजी खाना पूर्ति तक ही सीमित कर दिया जाता है।
नतीजतन शासन व प्रशासन के लाख प्रयासों के बावजूद भी जिले की गौशालाओं की हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है।
ऐसा ही एक मामला विजयीपुर विकास खण्ड के अंजना गाँव मे बनी गौशाला का प्रकाश में आया है। जहाँ जिम्मेदारों द्वारा ना तो गायों के लिये पर्याप्त चारे का प्रबंध किया जाता है और ना ही उनके पीने के पानी की समुचित ब्यवस्था। जिसके कारण गायें भूख प्यास से ब्याकुल होकर दम तोड़ रही हैं। जिनमे कई कमजोर होकर मरणासन्न अवस्था मे पहुंच चुकी हैं। गौशाला के गौ पालक ने पत्रकारों को बताया कि ना तो गायों के लिये पर्याप्त चारे की ब्यवस्था है और ना ही पीने के पानी की कोई ब्यवस्था है। जबकि बीते लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व गौशाला में पानी की ब्यवस्था के लिये ग्राम निधि से लगभग साढ़े चार लाख की लागत से सबमर्सिबल पम्प भी लगवाया गया है लेकिन जिम्मेदारों की शिथिल कार्य प्रणाली की वजह से आज तक उक्त सबमर्सिबल में विद्युत कनेक्शन नहीं हो सका। जिससे पानी की उपलब्धता के लिये लाखों की लागत से लगाया गया सबमर्सिबल भी बिल्कुल बेमकसद साबित हो रहा है। वहीं गौ पालकों को जानवरों को पानी पिलाने के लिये एक किलोमीटर दूर से बाल्टी में पानी भरकर लाना पड़ता है।
गौशाला में गौ वंशो की सेवा में कार्यरत गौ पालक ने गौ शाला की ब्यवस्थाओं की पोल खोलते हुए बताया कि बीते दिन दलदल में धँसकर दो गायों की मौत भी हो चुकी है।जिनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है।
गौ पालक ने अपना दर्द बयां करते हुए पत्रकारों को बताया कि हम लोगों की तैनाती लगभग 21 महीने पहले छः हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन देने की बात कहते हुए की गई थी लेकिन आज 21 महीने होने को हैं। हम लोगों को आज तक वेतन के नाम पर फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं हुई है। जिससे हम और हमारा परिवार फांका कसी के दौर से गुजर रहे हैं। गौ सेवक ने कहा कि एक आध बार हम लोगों ने खण्ड विकास अधिकारी गोपी नाथ पाठक से अपने बकाया बेतन भुगतान कराए जाने की माग भी की। जिन्होंने हम लोगों के वेतनमान दिलाए जाने के लिये कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। बल्कि उल्टे हम लोगों से धौंस जता अभद्रता करते हुए काम छोड़ कर चले जाने व आइंदा वेतन मान की मांग ना करने की धमकी दी।
हालांकि इस सम्बंध में जब बीडीओ गोपीनाथ पाठक से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका सेलफोन स्विच ऑफ होने की वजह से उनसे बात नहीं हो सकी।
जबकि एसडीएम खागा प्रह्लाद सिंह को दो घण्टे तक आधा दर्जन फोन करने के बाद भी बात नहीं हुई। जब उनसे बात हुई तो उन्होंने कहा कि गौवंशो के मरने की जानकारी नहीं है। जांच कराई जाएगी।
इस सम्बंध में जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने कहा पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। जो दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। गौशालाओं को बेहतर बनाने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं।