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अभियान का असर : मोरंग चोरी के बहुचर्चित प्रकरण में 12 माफियाओं के नाम विवेचक ने खोले
- एक बड़े सत्ताधारी के संरक्षण में चोरी हुए थे 15 हजार घनमीटर मोरंग के 27 डंप
- नए एसपी के तेवर सख्त, पूर्व थानाध्यक्ष के खिलाफ हो सकती है बड़ी कार्रवाई
( विवेक मिश्र )
बीती 25 नवम्बर को जनपद के हुसेनगंज थाना क्षेत्र के बेरागढीवा के समीप रोड के किनारे लगे 27 मौरंग के ढेर चोरी हो जाने की एक्सक्लूसिव खबर शीर्षक " थानाध्यक्ष पर दर्ज हो सकती है एफआईआर" प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जो सबसे पहले दैनिक भास्कर अखबार में प्रकाशित की गई थी जिसमे यह प्रकाशित किया गया था कि क्षेत्रीय पुलिस की संलिप्तता से मौरंग के 27 ढेर माफिया चोरी कर ले गए। लेकिन आज तक जिले का पुलिस प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर पाया है और न ही माफियाओ पर ठोस कार्रवाई हुई है। *जिसको जिला प्रशासन ने तो गम्भीरता से नहीं लिया मगर शासन ने इस मामले को गम्भीरता से लिया। उत्तर प्रदेश खनिकर्म विभाग की निदेशक रोशन जैकब ने 27 नवम्बर को दैनिक भास्कर अखबार की खबर का जिक्र करते हुए एक पत्र जिलाधिकारी फ़तेहपुर को भेजा जिसमे हुसेनगंज के बेरागढीवा से चोरी किए गए डंपो के मामले में प्रभावी कार्रवाई करने के लिए कहा। उन्होंने कहा है कि प्रकरण की गम्भीरता से जांच कराकर भंडारणकर्ताओ माफिया तत्वों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने पत्र के माध्यम से यह भी कहा कि अगर किसी अधिकारी की इसमे संलिप्तता है तो उसकी रिपोर्ट शासन को प्रेषित करें।
- शासन के पत्र के बाद कार्रवाई हुई तेज
दो महीने से दबे मोरंग प्रकरण को उजागर करने के बाद जब शासन ने सख्ती दिखाई तो जिला प्रशासन ने भी सक्रियता दिखानी शुरू की। तत्कालीन एसपी प्रशांत वर्मा के फटकार के बाद विवेचक प्रवीण चक्रवर्ती ने 12 लोगों को मुकदमे अपराध संख्या 176/20 में मोरंग चोरी का अभियुक्त बनाया है। जबकि क्षेत्र में आम चर्चा का विषय है कि एक बड़े सत्ताधारी के संरक्षण में ही पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया था। हालांकि उस सत्ताधारी के लगभग समानांतर विरोधी सक्रिय हो गए हैं जिन्होंने पूरे मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया है।
- विवेचक ने 12 लोगों के खोले नाम
लगातार बालू माफियाओ के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान पर शासन ने सख्ती दिखाई तो पुलिस अधीक्षक की फटकार के बाद 12 मोरंग चोरों के नाम विवेचक ने विवेचना में शामिल किए हैं जिनमे कामता सिंह पुत्र पूती सिंह निवासी बेरागढ़ीवा, चंद्रवीर सिंह पुत्र उदयवीर सिंह निवासी बेरागढ़ीवा, विवेक पुत्र संतोष सिंह निवासी बेरागढ़ीवा, सूर्यवीर पुत्र उदयवीर निवासी बेरागढ़ीवा, सत्यम पुत्र दयाराम निवासी बेरागढ़ीवा, कैलाश पुत्र गया प्रसाद निवासी बड़ागांव, शिवप्रसाद पुत्र शिवनन्दन निवासी बेरागढ़ीवा, श्यामवीर सिंह व भोला सिंह पुत्र स्व. जगरूप सिंह निवासी बेरागढ़ीवा, आकाश व विकास पटेल पुत्र गयाप्रसाद पटेल निवासी कढ़ीवा मजरे बेरागढ़ीवा, मनोज पांडेय पुत्र राजेन्द्र पांडेय निवासी सहनीपुर को अभियुक्त बनाया गया है। हालांकि 27 ढेरों से लगभग 15 हजार घनमीटर मोरंग चोरी हुई थी। जिसमे अभी कई नाम और शामिल होने की प्रबल संभावना है। चर्चा यह भी है कि कई चेहरों को अभी भी एक बड़े सत्ताधारी ने बचाकर रखा है नहीं तो वह चोरी प्रकरण में सबसे प्रमुख अभियुक्त बनाए जाते।
- पूर्व थानाध्यक्ष व पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई में कतरा रहे अफसर
दो वर्ष तक एक सत्ताधारी के संरक्षण में हुसेनगंज क्षेत्र में मनमानी कर जेब भरने वाले थानेदार निशिकांत राय पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। उन्होंने अपने कार्यकाल में बालू माफियाओं पर खूब रहमत बरसाई, उनके तैनाती के दौरान सैकड़ो अपराध हुए मगर सत्ताधारी के संरक्षण में वह कुर्सी से चिपके रहे, किसी ने उन पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटाई। जबकि एक बड़े अधिकारी ने लिखित पत्र एसपी को भेजकर थानेदार के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही थी, मगर मामले को सत्ता पक्ष के उसी चेहरे के दबाव में दबाए रखा गया। अब जब नए एसपी सतपाल अंतिल ने जनपद में पदभार संभाला है तो उनसे प्रकरण में बड़ी कार्रवाई की उम्मीद बढ़ गई है।
- क्या था पूरा घटनाक्रम
हुसेनगंज थाना क्षेत्र के बेरागढ़ीवा के समीप रोड के किनारे लगे 27 मौरंग के अवैध डंप खान अधिकारी, राजस्व विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने 6 अगस्त को सीज किये थे। जिनकी नाप करने पर लगभग 15 हजार घनमीटर मोरंग निकली थी। सीज के उपरांत हुसेनगंज पुलिस व राजस्व विभाग की अभिरक्षा में उक्त सभी डंप दे दिए गए थे। जिनकी नीलामी के पहले व बाद में धीरे धीरे सभी डंप माफियाओ ने क्षेत्रीय पुलिस व राजस्व की मिलीभगत से चोरी कर लिए। खनन विभाग की तरफ से दो बार अगस्त व सितम्बर माह में डंपो की निविदा निकाली गई मगर किसी ने इन पर आवेदन नहीं डाला। जब पुनः खनन विभाग के द्वारा जांच की गई तो पता चला वहां से लगभग अस्सी फीसदी मौरंग चोरी हो गई है। जिसकी आनन फानन में एक रिपोर्ट जिलाधिकारी, एसपी सहित शासन को भेजी गई। जिसके बाद 25 सितम्बर को ही अज्ञात चोरों के खिलाफ बीट के सिपाहियों ने एफआईआर दर्ज करवाई थी लेकिन सत्ता के एक बड़े चेहरे के दबाव में मामला जस का तस ठंडा पड़ा था।
- क्या कहते हैं जिम्मेदार
चोरी के मामले में 12 नाम अभी तक प्रकाश में आये हैं। पूरे प्रकरण में जांच जारी है कुछ और नाम भी प्रकाश में आने की संभावना है। : विवेचक एसआई प्रवीण चक्रवर्ती
पूरे मामले की गहनता से जांच पड़ताल हो रही है, पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच जारी है जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। : पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल