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विधान सभा में धरना देकर बीजेपी को असहज कर गए लोनी विधायक 'नंद किशोर गुर्जर'
लखनऊ. गाजियाबाद के लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर अब जो भी बयान दें, लेकिन बीजेपी के लिए असहज स्थिति हो गई है. सदन में धरने पर बैठने के दौरान नंदकिशोर का साथ लगभग 100 की संख्या में विधायकों ने भी दिया.
बीजेपी के नेता इस घटना से खुद को अलग रख रहे हैं, लेकिन दिल्ली से लखनऊ तक ये चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही है. इस घटना के बाद हरदोई के बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने तो सोशल मीडिया के माध्यम से विधायकों के लिए संगठन बनाने की मांग कर डाली, वहीं भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इसे एकजुटता बताया है.
डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा
सदन में बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के धरने पर बैठने को लेकर भाजपा के दिग्गजों को उम्मीद नहीं थी कि सदन में ऐसी स्थिति आ जाएगी. मामला उलझता देख बीजेपी के रणनीतिकार सुलझाने में जुट गए. पार्टी के बड़े नेता डैमेज कंट्रोल करने में लग गए, लेकिन उनकी कोशिशें जब तक रंग लाती तब तक ये खबरें मीडिया की हेडलाइन बन चुकी थी. विधायक नंद किशोर गुर्जर को विपक्ष के विधायकों का भी भरपूर साथ मिला. विधानसभा अध्यक्ष के बीच-बचाव के बाद बीजेपी विधायक सीएम से मिलने को राजी हुए. संगठन और सरकार के लोग उन्हें सीएम से मिलाने पहुंचे. लेकिन विधायक के तेवर प्रशासनिक अमले के खिलाफ ज्यों के त्यों रहे. हालांकि पार्टी के दिग्गज इस मुद्दे पर कन्नी काटते नजर आए. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने ऑफ द रिकार्ड ये जरुर माना कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. सरकार और संगठन के लिए ये शुभ संकेत नहीं हैं.
दूसरी तरफ गाजियाबाद प्रशासन ने बीजेपी विधायक के खिलाफ 12 एफआईआर दर्ज होने की बात कही है. इस बीच बीजेपी के विधायक श्याम प्रकाश ने सोशल मीडिया पर विधायकों का संगठन बनाने की बात कही है. वहीं विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने कहा है कि अफसरों के भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के खिलाफ एकजुटता का मामला है. हर्षवर्धन ने कहा कि खुशी की बात है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी पार्टियों के विधायक एक साथ खड़े हैं. वैसे लोनी विधायक के बगावती तेवर काफी दिन से नजर आ रहा था, लेकिन बीजेपी उन्हें नजरअंदाज कर रही थी. लेकिन मामले ने तब तूल पकड़ा जब नेता जी पर अपनी ही सरकार में एक अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराई.
विधायक ने की थी आजीवन कारावास की मांग
नंदकिशोर गुर्जर ने सीएम को चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें विधायक ने कहा था- उन पर ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए, जिससे वे आजीवन जेल में रहें और उनका जीवन सुरक्षित रह सके, क्योंकि कुछ लोग उनकी हत्या कराना चाहते हैं. पत्र में उन्होंने जिलाध्यक्ष व पूर्व नगर पालिका चेयरमैन पर भी आरोप लगाए थे कि ये लोग अधिकरियों से सांठ-गांठ कर उनकी छवि को खराब करने का काम कर रहे हैं. खाद्य सुरक्षा अधिकारी से मारपीट के मामले में नामजद भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पार्टी ने नोटिस मिलने के सात दिन के अंदर विधायक से जवाब मांगा.विधायक ने जवाब दिया कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और साथ में अधिकारियों के भ्रष्टाचार की बातें भी कही. भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा था कि मेरे खिलाफ साजिश हो रही है.
फिलहाल अब गेंद संगठन से निकलकर सीएम के पाले में आ गई है और देखना ये होगा कि विधायक नंद किशोर गुर्जर कार्रवाई के दायरे में आते हैं या फिर पार्टी इस मामले में कुछ और फैसला करती है.